ए भाई! जरा देख के चलो
जागरण संवाददाता, एटा: जनसुविधा के लिए जगह-जगह बनवाए बड़े-बड़े नाले जनता की असुविधा बन गए हैं। खुले नाल
जागरण संवाददाता, एटा: जनसुविधा के लिए जगह-जगह बनवाए बड़े-बड़े नाले जनता की असुविधा बन गए हैं। खुले नाले लोगों की जान के लिए जोखिम बने हैं।
शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए पिछले दिनों कई नाले गहरे और बड़े कराए गए हैं। जीटी रोड, अलीगंज रोड, कैलाशगंज, ठंडी सड़क आदि मार्गो के किनारे नाले बनाने के बाद दावा किया जा रहा है कि गंदे पानी की निकासी बाधित नहीं होगी। मगर ये सभी खुले नाले हादसों को न्योता दे रहे हैं। आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों के सामने खुले नालों से लोग डर-डर कर गुजरते हैं। छोटे बच्चों को तो लोग इन मार्गो पर भेजने से भी घबराते हैं। रात के समय यह स्थिति और खतरनाक हो जाती है। अंधेरा रहने से फुटपाथ और नालों के बीच अंतर नजर नहीं आता, जिससे हादसे की आशंका रहती है।
बनने के साथ ही होने लगे बंद
मंशा थी कि नालों का आकार बढ़ने पर अवरोध नहीं आएगा। मगर खुले होने की वजह से सड़कों का कूड़ा इनमें भरने लगा है। अधिकांश नवनिर्मित नालों की स्थिति ऐसी है कि पानी के बराबर ही उनमें कूड़ा भरा है।
तीन करोड़ से होगा नालों का पटान
एटा नगर पालिका समस्या को अच्छी तरह समझ रही है। पालिका की बोर्ड बैठक में इन नालों का पटान करने का प्रस्ताव पारित किया है। करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से जीटी रोड, अलीगंज रोड, शिकोहाबाद रोड, ठंडी सड़क, रेलवे रोड, निधौली कलां रोड के नालों पर स्लेप डलवाए जाएंगे।
जल्द ही शहर के अंदर करीब 6 किमी. के नालों का पटान कराया जाएगा, जिससे उनमें कूड़ा न पहुंचे और किसी को खतरा न रहे।
राकेश गांधी, पालिकाध्यक्ष