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बूंदाबादी से शहर झूमा, किसानों की बढ़ी चिंता

जेएनएन, एटा/कासगंज: मौसम के मिजाज को लेकर रविवार को शहर और गांव में अलग-अलग प्रतिक्रिया रहीं। बूंदाब

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 08:11 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 08:11 PM (IST)
बूंदाबादी से शहर झूमा, किसानों की बढ़ी चिंता

जेएनएन, एटा/कासगंज: मौसम के मिजाज को लेकर रविवार को शहर और गांव में अलग-अलग प्रतिक्रिया रहीं। बूंदाबांदी और ठंडी हवाओं से मौसम सुहाना होने पर जहां शहर में लोग खुश हो उठे। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में फसल के नुकसान की आशंका से किसानों की चिंता बढ़ गई।

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सप्ताह भर से लगातार तापमान में इजाफा हुआ है। दोपहर में तो धूप के आगे घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है। लोग अभी से गर्मी से परेशान नजर आने लगे हैं। इस मौसम के बीच रविवार की शाम राहत लेकर आई। दोपहर से छाए बादलों के बाद शाम के समय ठंडी और तेज हवाएं चलना शुरू हो गई। कुछ समय बाद हल्की बूंदाबांदी भी हुई। जिससे तापमान काफी कम हो गया। मौसम सुहाना होने के साथ ही लोगों के चेहरे खिल उठे। शाम को लोग सैर सपाटे के लिए घरों से निकल पड़े।

उधर यही मौसम गांवों में चिंता का सबब बन गया। इस समय खेतों में गेहूं की फसल पक कर तैयार है। जबकि कुछ स्थानों पर तो काटकर भी डाल दी गई है। मौसम का रुख देख उन्हें फसलों के बर्बाद होने का डर सताने लगा। उनका कहना था कि यदि ऐसे में बरसात होती है तो पिछली बरसात और ओलावृष्टि के बाद जो थोड़ी-बहुत फसल बची है, वह भी बर्बाद हो जाएगी और किसान मोहताज हो जाएगा।

दुखदायी रहा मार्च का महीना

किसानों के लिए मार्च का महीना काफी दुखदाई रहा है। शुरूआत से लेकर मध्य तक कई बार बरसात के अलावा ओलावृष्टि भी हुई। जिससे किसानों को गेहूं, सरसों और आलू में काफी नुकसान उठाना पड़ा। महीना जाते-जाते भी किसानों को आंखें दिखा रहा है। 29 मार्च की शाम को अचानक मौसम के बदले तेवर ने उन्हें परेशान कर दिया।


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