गंगा की रक्षा को लिया संकल्प
जागरण संवाददाता, एटा-कासगंज: नवगठित संस्था गंगा रक्षक दल का प्रथम संकल्प पर्व मालगोदाम रोड स्थित जे.सी. चतुर्वेदी के आवास पर मनाया गया। जिसमें गंगा की रक्षा का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां गंगा एवं मां वाणी के पूजन अर्चन के साथ किया गया।
प्रथम संकल्प पर्व पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डा. शशिलता चौहान ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा को दूषित होने से बचाया जाए। अविरल गंगा और निर्मल गंगा ही हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। गंगा की रक्षा के लिए हम सब आगे आएं। मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र दीक्षित ने कहा कि मां गंगा तथा मानव की देह में इतनी समानता है कि इसे जितना शुद्ध और पवित्र रखेंगे यह उतना ही कल्याण करेगी।
विशिष्ट अतिथि उपनिरीक्षक देशराज सिंह ने मां गंगा की रक्षा का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के दौरान हुई काव्य गोष्ठी में बोलते हुए कवि अचिंत सक्सेना ने कहा कि तन डरता है, मन डरता है, मां गंगा की पवित्रता की तहर साहित्य विचारों को शुद्ध करता है। कवि अखिलेश सक्सेना ने कहा कि बंद मुट्ठी सा तुम्हारा प्यार मुझ पर खुल गया, कवि महावीर सिंह सविता ने कहा कि पैसों की खातिर जिसने मां की अस्मत को बेच दिया। कवि पथिक ने कहा कि गोमुख से सागर तक तेरी धारा धवल रहे। मनोज कुमार मंजुल ने कहा कि गंगा हमारी सभ्यता, गंगा कवि की आत्मा है।
प्रबुद्धजन जे.सी. चतुर्वेदी ने कहा कि गंगा की शुद्धता ही हमारी संस्कृति का प्रतीक है। इस दौरान 9 काव्य कृतियां समीक्षात्मक टिप्पणी केा लिए कवि डा. रामप्रकाश पाल पथिक को सौंपी गई। इस मौके पर रविकांत सक्सेना, विजय कुमार बघेल, दीपक साहू आदि मौजूद रहे।