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आसान नहीं डेंगू रोगियों की मॉनीटरिंग

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 06:26 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 06:26 PM (IST)
आसान नहीं डेंगू रोगियों की मॉनीटरिंग

जागरण संवाददाता, एटा: डेंगू का संक्रमण काल आते ही लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अपनी ओर से तैयारियां कर रहा है। जिसके तहत डेंगू रोगियों की जानकारी हासिल करने की योजना तय की गई है लेकिन इस योजना में तमाम अनाधिकृत और अपंजीकृत चिकित्सकों सहित अवैध ढंग से चल रही तमाम पैथोलॉजी लैब आड़े आएंगी।

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जुलाई-अगस्त माह से डेंगू के मामले सामने आने लगते हैं। दरअसल इसका संक्रमण फैलाने वाले मच्छर के लिए यह तापमान काफी अनुकूल होता है। साल दर साल बढ़ रहे डेंगू के मामले लोगों की नींद उड़ा रहे हैं। भले ही स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में डेंगू रोगियों की संख्या एक-दो ही हो, लेकिन निजी चिकित्सकों के यहां ऐसे रोगियों की कमी नहीं है। इसे लेकर प्राइवेट चिकित्सकों और लैब संचालकों पर अक्सर गलत रिपोर्टिग के आरोप भी लगते रहते हैं। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों सहित निजी संस्थानों पर भी निगरानी करने की योजना बनाई है। शासन से प्राप्त आदेश के आधार पर सीएमओ ने जनपद के सभी प्राइवेट नर्सिग होम, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब संचालकों को डेंगू रोगी मिलने पर सूचना मिलने के निर्देश जारी कर दिए हैं लेकिन इन निर्देशों का असर जनपद में अनाधिकृत रूप से चिकित्सकीय कार्य कर रहे डॉक्टर और अवैध संचालित पैथोलॉजी लैब पर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के पास उनका कोई रिकार्ड न होने के चलते वे सूचना देने के लिए भी मजबूर नहीं हैं। जबकि गलत रिपोर्टिग और ठगी की संभावनाएं इसी तरह की लैब और डॉक्टरों के पास अधिक रहती हैं। विभाग ने भी इस संबंध में किसी तरह की कार्रवाई की कोई रूपरेखा तैयार नहीं की है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरसी पांडेय ने बताया कि अनाधिकृत रूप से चिकित्सकीय कार्य करने वालों पर विभाग लगातार कार्रवाई करता है। डेंगू की फर्जी रिपोर्टिग का मामला संज्ञान में आने पर संबंधितों के विरुद्ध कड़ा कदम उठाया जाएगा।

महज 4 लैब कार्यरत!

चौंकाने वाली बात है, पूरे जनपद में महज 4 पैथोलॉजी लैब ही कार्यरत हैं। यह बात अलग है कि हर सड़क और हर चिकित्सक के क्लीनिक के आसपास तमाम लैब नजर आ जाती हैं। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में पिछले वर्ष 7 लैब पंजीकृत थीं। इस वर्ष इनमें से 4 ने ही नवीनीकरण कराया हालांकि हकीकत में लैब की संख्या दर्जनों में है।

सरकारी आंकड़ों में निजी चिकित्सा क्षेत्र की स्थिति

एलोपैथी चिकित्सक 35

दंत चिकित्सक 3

होम्योपैथी चिकित्सक 15

यूनानी चिकित्सक 15

आयुर्वेद चिकित्सक 70


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