रोडवेज चालकों की फांस बना 'ट्रैकिंग सिस्टम'
जागरण संवाददाता, एटा : उन्हें पता भी नहीं लगा और मनमानी रफ्तार से रोडवेज की बसों को दौड़ाते रहे। अब तक यही समझते थे कि बसों में लगाई गई मशीन सिर्फ हौवा ही है जबकि एक पखवाड़े में नियम विरुद्ध तरीके से बसों के संचालन पर फटकार के साथ चेतावनी मिली है, तो चालकों में खलबली मचने की स्थिति है। यह सब कुछ रोडवेज की बसों में स्थापित किए गए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) के शुरू होते ही संभव हो सका है। अच्छे परिणामों को देख शेष रहीं बसों में भी इस सिस्टम को लगाया गया है।
रोडवेज महकमे में चालक-परिचालकों की मनमानी कई तरह से शिकायतों के रूप में अधिकारियों तक पहुंचती रहीं हैं। कभी चालक द्वारा बस को अंधाधुंध गति के साथ चलाने और कभी समय सारिणी से संचालित होने वाली बसों के लेटलतीफ होने जैसी स्थितियां बनी रहती हैं। अब तक अधिकारियों को भी शिकायतों के निस्तारण व तेज गति से बसों के संचालन से डीजल औसत कम प्राप्त होने की स्थिति में कार्रवाई को लेकर दिक्कतें रहती थीं। अब व्हीकल टै्रकिंग सिस्टम की शुरूआत होने के बाद इन समस्याओं का निदान तो हुआ ही है लेकिन चालक-परिचालकों की परेशानी जरूर बढ़ गई है।
एटा डिपो की 117 बसों में से प्रथम चरण के अंतर्गत 109 बसों में इस सिस्टम को मई-जून माह में ही स्थापित कर दिया गया। इसके बावजूद 8 बसें इस सिस्टम से अछूती रह गई। जब सिस्टम के अच्छे परिणाम अधिकारियों को मिले तो मुख्यालय स्तर पर प्रयास के बाद सभी बसों में यह व्यवस्था हो गई है। उधर सिस्टम का संचालन शुरू होते ही डिपो स्तर से ही बसों की मॉनीटरिंग और उनकी रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। एक पखवाड़े में 11 चालक ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने निर्धारित 70 किलोमीटर प्रति घंटे के मानक से बसें दौड़ाने के बजाए फर्राटे भरे। इसके अलावा एक बस के लेटलतीफ संचालित होने की स्थिति में भी परिचालक के दोषी होने की जानकारी तत्काल हो गई।
विभाग अब इसी सिस्टम की रिपोर्ट के आधार पर डीजल औसत कम देने वाले चालकों पर अंकुश कसता जा रहा है। वीटीएस से नियम विरुद्ध बस संचालन के दोषी दर्जनभर चालक-परिचालकों को फटकार के साथ दंडित किए जाने की हिदायत दी गई है। एआरएम संजीव यादव ने बताया है कि सभी बसों में सिस्टम शुरू हो चुका है। अभी मानकों का उल्लंघन करने वालों को हिदायत दी गई है, जल्द ही वेतन कटौती और अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएंगी।