अभियान पर आंच, मुश्किल होगी माटी की जांच
जागरण संवाददाता, एटा : चुनाव के शोर में पिछड़ती योजनाओं से मिट्टी पहचानो अभियान पर भी सवालिया निशान लगे हुए हैं।
हर साल खरीफ की फसलों के लिए अप्रैल के महीने में शुरू होने वाले अभियान की सुगबुगाहट तक नहीं है। ऐसे में किसानों के लिए निशुल्क माटी की जांच भी मुश्किल में ही दिख रही है। जिम्मेदार भी अभियान की परिस्थितियों को लेकर फिलहाल तो खुश हैं। सिर्फ इसलिए कि गर्मी के मौसम में लू के थपेड़ों से राहत ही मिल जाए।
साल में दो बार अब तक शासन के निर्देश पर मिट्टी पहचानो अभियान जोर-शोर से चलाया जाता रहा है। नई फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी के पोषक तत्वों की हकीकत जांच में उजागर होने और उन खामियों को पूरा कर वैसे तो किसानों को भी अच्छे परिणाम मिले हैं। इसी कारण हर साल मिट्टी का सांच जानने के लिए जागरूक किसानों की संख्या भी बढ़ी है। बीते साल 22500 नमूनों का परीक्षण लक्ष्य तय हुआ था। इस बार लक्ष्य का निर्धारण ही नहीं है। आगे की प्रक्रिया पर विभाग भी मौन है। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार के अनुसार अभी निर्देशों का इंतजार है। किसानों को निराश नहीं होने देंगे।