खुशियों के शोर में बढ़ेगी शहर की मुसीबत
निज प्रतिनिधि, एटा: त्योहार पर खुशियों का हल्ला तो खूब रहा। अब इसका एक असर मुसीबत के रूप में शहर के सामने आयेगा। पर्व पर जमकर प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग बाजारों में हुआ। जो कूड़ेदान और नालियों में पहुंचकर लोगों की मुसीबत बढ़ायेंगी।
न्यायालय के आदेश पर प्रशासन ने पॉलीथिन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है। इसके तहत अभियान चलाकर बाजारों से कुंतलों पॉलीथिन बरामद कर नष्ट भी कराई गई। पालिका प्रशासन और अधिकारियों की देखरेख में सख्ती से चलाये गये इस अभियान का असर भी देखने को मिलने लगा था। दुकानों पर पॉलीथिन का प्रयोग कम हो गया और ग्राहक थैला लेकर चलने लगे। लेकिन ढील मिलते ही पॉलीथिन के उपयोग ने फिर रफ्तार पकड़ ली। खासतौर से दीपावली की खरीददारी में धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल किया गया। अंदाजे के मुताबिक एक कुंतल से अधिक पॉलीथिन खपा दी गई है। लाई, खील, खिलौनों के अलावा परचून के सामान भी पॉलीथिन में बिके। वहीं, आतिशबाजी की बिक्री में भी इसका खूब इस्तेमाल किया गया। सामान के साथ दुकानों से चलकर यह जहर घरों में पहुंच गया है। त्योहार बीतते ही इसके दुष्प्रभाव भी नजर आने लगे हैं। कहीं पॉलीथिन नालियों में पहुंचकर बहाव अवरुद्ध कर रही हैं तो कहीं उन्हें जलाकर सांसों में जहर घोला जा रहा है। नगर पालिका एटा के प्रभारी अधिशासी अधिकारी एमए अंसारी ने बताया कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध है और बिक्री व प्रयोग करने वालों पर अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
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