खिसक रहा सिंचाई का जलस्रोत, खोदे जाएंगे तालाब: सूर्य प्रताप शाही
कृषि विभाग प्रदेश में 3338 खेत तालाब खोदे जाने की तैयार में है, अकेले बुंदेलखंड व मिर्जापुर में दो हजार खेत तालाब खोदे जाएंगे।
देवरिया (जेएनएन)। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश में सिंचाई के जल स्रोत के नीचे खिसकने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसको लेकर गंभीर है। कृषि विभाग प्रदेश में 3338 खेत तालाब खोदे जाने की तैयार में है। अकेले बुंदेलखंड व मिर्जापुर में दो हजार खेत तालाब खोदे जाएंगे। इसके लिए किसानों को जमीन उपलब्ध करानी होगी। खुदाई में आने वाले खर्च पर प्रदेश सरकार 50 फीसद तक अनुदान देगी।
कृषि मंत्री ने रविवार को देवरिया स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछली बसपा व सपा सरकार में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप से निचले स्तर तक व्यापक रूप से फैला था, जिसने पूरी व्यवस्था को जीर्ण-शीर्ण कर दिया। वर्तमान सरकार जनता की समस्याआें के समाधान के लिए कार्य संस्कृति को बदल रही है। तहसील व समाधान दिवस केवल रस्मअदायगी न रहकर समाधान के रूप में उभरे हैं।
इसके लिए मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार परंपरागत खेती को बढ़ावा देगी। जैविक खेती व जैविक खाद को प्रोत्साहित किया जाएगा। सूबे के 97 लाख राजस्व ग्रामों में बर्मी कल्चर के प्रयोग के लिए योजना लागू करेंगे। प्रदेश में इस बार फसलों की रिकार्ड पैदावार हो रही है। प्रदेश में कृषि विकास दर 5.8 फीसद से अधिक का लक्ष्य रख गया है। कृषि विभाग की सभी योजनाएं आॅनलाइन कर दी गई हैं।
पारदर्शी किसान योजना लागू है। उनको सब्सिडी बैंक खाते में भेजी जाएगी। अब तक 1.21 करोड़ किसान पंजीकृत हैं। इस साल के अंत तक सभी किसानों का पंजीयन आनलाइन हो जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ देने के लिए जिस बीमा कंपनी का चयन किया गया है उनसे शर्त रखी गई है कि पांच फीसद गैर ऋणी किसानों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रत्येक जिले में बीमा कंपनी को कार्यालय खोलना होगा व ब्लाक स्तर पर एजेंट की नियुक्ति करनी होगी। उन्होंने कहा कि खरीफ की बोआई की तैयारी कर ली गई है। इस साल कृषि विभाग ने 681 लाख क्विंटल धान, 15 हजार क्विंटल मक्का, आठ लाख क्विंटल मूंग व 22 लाख क्विंटल अरहर बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने इलाहाबाद, लखीमपुर-खीरी, हरदोई, आजमगढ़, अमेठी, शामली, मोरादाबाद, बदायूं, जौनपुर, गाजीपुर, हापुड़ समेत 20 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र अबतक न खुलने के लिए पूर्व की प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने तीन साल पहले प्रदेश के 20 जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन तत्कालीन प्रदेश सरकार ने जमीन उपलब्ध नहीं कराई। हमने जमीन उपलब्ध करा दी है। आइसीआर के लोगों द्वारा जमीनों को देखा जाएगा।
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उसके बाद भवन निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अपराध व अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए बेहतर प्रयास किए गए हैं।
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