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संत स्वभाव का सार है सीख देना: पवन

देवरिया : स्थानीय विकास खंड के टीकमपार स्थित शिव मंदिर पर चल रहे भागवत कथा में वृंदावन से पधारे मानस

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 11:04 PM (IST)
संत स्वभाव का सार है सीख देना: पवन
संत स्वभाव का सार है सीख देना: पवन

देवरिया : स्थानीय विकास खंड के टीकमपार स्थित शिव मंदिर पर चल रहे भागवत कथा में वृंदावन से पधारे मानस मर्मज्ञ पं. पवन बिहारी शर्मा ने कहा कि संत स्वभाव का सार है सीख देना। संत समाज को अच्छी सीख देने का कार्य करता है। जैसे वृक्ष लगे फल को पाकर सभी आनंदित होते हैं वैसे ही संत का स्वभाव है अच्छे समाज का निर्माण कराना।

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श्री शर्मा ने कहा कि संत स्वभाव के कारण ही मरा-मरा कहकर वाल्मीकि अपराध छोड़ समाज के लिए उदाहरण बने। धुंधकारी जैसा राक्षसी प्रवृत्ति का व्यक्ति भी संत समाज में आकर महान बन गया। आज संपूर्ण विश्व भक्ति के सागर में बह रहा है। राम नाम व कृष्ण नाम की धूनी मची है। विश्व कल्याणार्थ में संतों की महती भूमिका है। सृष्टि को तमाम पाप ग्रहों से बचाने का कार्य संत ही करते हैं। हर मनुष्य को संतों का आदर करना चाहिए।

यहां मुख्य रूप से समाजसेवी धर्म प्रकाश तिवारी, रघुवंश मणि तिवारी, बबुनी देवी, तपीलाल कुशवाहा, भरत कुशवाहा, दिनेश तिवारी, राजू तिवारी, लाल मोहम्मद प्रधान, विजय मास्टर, पप्पू तिवारी, धनपति तिवारी, ओमप्रकाश कुशवाहा आदि मौजूद रहे।


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