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छोटी ईद है रमजान का आखिरी जुमा

देवरिया: पाक रमजान के अंतिम शुक्रवार को अलविदा की नमाज अदा कर रोजेदारों ने मुल्क के सलामती की दुआ म

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 11:26 PM (IST)
छोटी ईद है रमजान का आखिरी जुमा
छोटी ईद है रमजान का आखिरी जुमा

देवरिया: पाक रमजान के अंतिम शुक्रवार को अलविदा की नमाज अदा कर रोजेदारों ने मुल्क के सलामती की दुआ मांगी। रोजेदारों ने अलविदा की नमाज अदा किया और ईद की तैयारी में जुट गए। रमजान के आखिरी जुमे व रमजान माह पर जागरण को रोजदारों ने अपने तरीके से प्रतिक्रिया दी।

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आखिरी जुमे की नमाज का रहता है इंतजार : नियाज

देवरिया: शहर के न्यू कालोनी निवासी नियाज अहमद ने कहा कि रमजान का अंतिम शुक्रवार रोजेदारों के लिए अनमोल है। इस पाक दिन रोजेदार जो भी अल्लाहताला के दरबार में इबादत करता उसकी दुआ कुबूल होती है।

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साल में सभी दिनों का है सरदार : इजहारुल हक

: अबूबकर नगर निवासी इजहारुल हक ने कहा कि इस दिन का बहुत महत्व है। यह साल के सभी दिनों का सरदार है। रमजान पाक महीना है और यह बेहतरीन दिन हमें खुदा की इबादत का शानदार मौका बख्शता है।इस मौके को कोई छोड़ना नही चाहता।

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रमजान को तीनों असरे महत्वपूर्ण: अफराजू

: लकड़ी हट्टा निवासी अफराजू रहमान अज्जू ने कहा कि पाक रमजान को तीन असरे में बांटा गया है। पहला असरा बरकत का दूसरा मकफिरत का व तीसरा असरा गुनाहों से मुक्ति का है।तीसरे असरे में पड़ने वाले अलविदा की नमाज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है।

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अफजल जुमा है:जावेद अहमद

शहर के अबूबकर नगर निवासी जावेद अहमद ने कहा कि यह जुमा अफजल है। इसे छोटी ईद भी कहा जाता है। इसके महत्व के बारे में जितना बताया जाय कम है। रमजान पाक महीने का सबसे मुकद्दस दिन इसे माना जाता है। इस दिन नमाज में सारी दुआएं कुबूल हो जाती है।

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सभी गुनाहों से मिल जाती है माफी: खुर्शीद अनवर

अबूबकर नगर निवासी खुर्शीद अनवर ने कहा कि पाक रमजान में हमें सभी गुनाहों से माफी मिल जाती है। भूख और प्यास में अपने आप को तपाने के बाद हमें पता चलता है भूख का दर्द क्या होता है। ऐसे में हमें गरीब की तकलीफ के बारे में पता चलता है और हम गरीबों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अंतिम जुमे की नमाज का सभी को इंतजार रहता है।

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रमजान शरीफ का मुबारक महीना: सैयद इकबाल

अहमद नगर निवासी सैयद इकबाल ने कहा कि रमजान शरीफ के पाक महीने का यह पाक दिन है। इस दिन हम नमाज अदा करने के बाद अपने गुनाहों की माफी तो मांगते ही हैं यह भी दुआ करते हैं हमारा मुल्क हमेशा खुशहाल रहे आबाद रहे।

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इस खास दिन का रहता है इंतजार: शकील

अंजुमन इस्लामामिया के सदर शकील अहमद सिद्दीकी ने कहा कि यह सामान्य शुक्रवार की तरह नही है। रमजान माह के इस शुक्रवार के जुमे में हर कोई नमाज अदा कर अल्लाहताला से यह दुआ करता है कि हमें नेक रास्ते पर चलाना। एक वर्ष में किये सारे गुनाह इस दिन माफ हो जाते हैं।

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भूख की आग में तपाना ही रोजा: शफीकुर्रहमान

: अबूबकर नगर निवासी शफीकुर्ररहमान शफक ने कहा कि अपने आप को बुराई से अच्छाई के रास्ते पर ले आना ही रोजा है। रोजा गरीबों की मदद के लिए है। यह यह तन मन को पवित्र रखने के साथ ही नेकी पर जोर देता है। इस पाक माह में सारे गुनाह धुल जाते हैं और हमें पता चलता है कि हम खुदा के कितने नजदीक हैं।


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