भू-जल का दोहन कर सुखा रहे धरती की कोख
देवरिया: एक तरफ यह कहा जा रहा है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के लिए होगा। इसका मतलब यह
देवरिया: एक तरफ यह कहा जा रहा है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के लिए होगा। इसका मतलब यह है कि विश्व में पेयजल संकट गहराने वाला है। वहीं दूसरी तरफ बेशकीमती भूजल का बेतरतीब ढंग से दोहन किया जा रहा है। सड़क और मकान निर्माण से लेकर छिड़काव तक के लिए पानी का दोहन कर टैंकरों से बेचा जा रहा है। प्रशासन इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है, लिहाजा पेयजल संकट गहराता जा रहा है।
- जनपद में पैदा हुए पेयजल संकट के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन भी एक प्रमुख कारण है। शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां भूजल का दोहन न होता हो। स्वच्छ पेयजल के नाम पर हर रोज बेशकीमती पानी धरती की कोख से निकाल कर बर्बाद किया जा रहा है। नगर पालिका प्रशासन और पानी के कारोबारियों द्वारा हर रोज धरती की कोख से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन सरकारी महकमे नियम कानून की दुहाई देकर तमाशा देख रहे हैं। तमाम दावों के बावजूद सरकारी महकमे और जल संरक्षण के लिए कार्य करने वाले संगठन पानी के कारोबारियों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। शहर में दर्जनों गाड़ियां प्रतिदिन में शहर में पानी लेकर दौड़ती रहती हैं।
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पानी बेचना बना व्यवसाय
दरअसल पानी बेचने का कारोबार इतना चोखा है कि यह अब बड़ा व्यवसाय बन गया है। शहर के लेकर ग्रामीण इलाकों में अवैध आरओ प्लांट लगे हैं, जो दिन रात पानी का दोहन कर रहे हैं। पीने वाला एक डिब्बा पानी 20 रुपये बिक रहा है। वहीं भवन या सड़क निर्माण प्रयुक्त होने वाले एक टैंकर पानी की कीमत पांच सौ रुपये है। इसकी कीमत कुछ भी नहीं है। पानी बेचने के गोरखधंधे में बड़े लोगों के शामिल होने से यह बड़ा व्यवसाय का रूप ले चुका।
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भूजल दोहन से गिर रहा जलस्तर
भूजल के लगातार दोहन से तालाब, कुआ से लेकर जमीन के अंदर स्थित जलस्त्रोत लगातार नीचे की तरफ जा रहे हैं। जलस्तर नीचे जाने से हैंडपंप सूख रहे हैं। गिरते भूजल का पूर्वांचल में सर्वाधिक दुष्प्रभाव पड़ रहा है। देवरिया शहर के भूजल का लेवल 120 से 150 फिट तक पहुंच गया है। बरहज नगर के हालात और खराब हैं। वहां नदी के तटीय क्षेत्रों में 200 फीट तक लेबल पहुंच चुका है। अगर जल का दोहन इसी तरह जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब धरती की कोख सूख जाएगी।
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भूजल के लेवल में गिरावट आई है। बरहज व रुद्रपुर में जलस्तर काफी नीचे पहुंच गया है। शहर में निजी आरओ व टैंकर वाले भूजल का सर्वाधिक दोहन कर रहे हैं। इससे भूगर्भ जल विभाग व जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है। टीम बनाकर भूजल के दोहन को रोका जाएगा।
अर¨वद कुमार अधिशासी अभियंता जल निगम, देवरिया।