Move to Jagran APP

अंतिम दौर में प्रतापपुर चीनी मिल

देवरिया: प्रतापपुर चीनी मिल नो केन में चल रही है और अपने पेराई सत्र के अंतिम दौर में है। हाल यह है क

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 10:41 PM (IST)
अंतिम दौर में प्रतापपुर चीनी मिल
अंतिम दौर में प्रतापपुर चीनी मिल

देवरिया: प्रतापपुर चीनी मिल नो केन में चल रही है और अपने पेराई सत्र के अंतिम दौर में है। हाल यह है कि समय से पहले यह मिल अपने पेराई सत्र का अंत करने जा रही है। कारण गन्ना की अनुपलब्धता खुलकर सामने आई है। हाल यह है कि पूरा दिन गन्ना एकत्र किया जा रहा है और पूरी रात पेराई की जा रही है। मिल प्रतिदिन नुकसान उठाकर किसानों का गन्ना पेर रही है। दो चार दिन के अंदर मिल का पहिया थम जाएगा और इस पेराई सत्र के समापन की घोषणा कर दी जाएगी।

loksabha election banner

इस वर्ष मिल का पेराई कार्य का शुभारंभ छह दिसबंर को डोंगा पूजन के साथ हुआ और सात दिसंबर से मिल ने गन्ना पेरना शुरु किया। मिल को आवंटित क्षेत्र में गन्ने का रकबा लगातार कम होता चला जा रहा है। इस वर्ष भी किसानों ने सीमित क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की। मिल ने 14 लाख ¨क्वटल गन्ना पेरने का लक्ष्य रखा था। प्रतापपुर चीनी मिल गेट क्षेत्र के एरिये का गन्ना समाप्त हो गया है। प्रतापपुर मिल में पचास क्रय केंद्र अपना गन्ना भेजते हैं। देवरिया जनपद व कुशीनगर जनपद की सीमा पर स्थित गन्ना क्रय केंद्रों में कनकपुरा ए, कनकपुरा बी, बंजरिया, कंचनपुर, तीरमा साउं, सुन्दरपार केंद्रों का गन्ना ही मात्र शेष रह गया है। नौ जनवरी से 10 से 15 घंटा मिल नो केन में बंद रह रही है। मिल कर्मियों व अधिकारियों ने दबी जुबान बताया कि यह मिल प्रशासनिक दबाव में चलाया जा रहा है। नहीं तो मिल को चलाने में प्रतिदिन घाटा हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.