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शबरी प्रसंग की कथा सुन भावविभोर श्रद्धालु

देवरिया : उपनगर स्थित दुग्धेश्वरनाथ इंटर कालेज के प्रांगण में चल रही रामचरित मानस कथा के दौरान कथा व

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 12:59 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 12:59 AM (IST)
शबरी प्रसंग की कथा सुन भावविभोर श्रद्धालु
शबरी प्रसंग की कथा सुन भावविभोर श्रद्धालु

देवरिया : उपनगर स्थित दुग्धेश्वरनाथ इंटर कालेज के प्रांगण में चल रही रामचरित मानस कथा के दौरान कथा व्यास ने शबरी प्रसंग की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा में शबरी के राम के अगाध प्रेम को विस्तारपूर्वक बताया कि युगों-युगों तक ऐसा प्रेम का उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।

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मानस व्यास उपेंद्र पांडेय ने राम कथा के दौरान भगवान के वनवास की कथा सुनाते हुए कहा कि वनगमन के समय प्रभु की अन्नय भक्त शबरी अपनी कुटिया में अपनी पलकें बिछाकर प्रेम जूठे बेर चखकर रखती थी। आज भगवान कुटिया की तरफ से पधार रहे हैं। यह करते-करते भगवान के आने की प्रतीक्षा में वर्षों बीत जाता है। फिर भी शबरी हार नहीं मानती, आखिर भगवान को अपनी संगिनी की तलाश में वन के रास्ते शबरी की कुटिया में पहुंचते हैं। प्रभु को पाकर माता शबरी धन्य हो जाती है। अपने चखे हुए जूठे बेर को बडे़ ही प्रेम भाव से भगवान को खिलाती है। व्यास ने कहा कि नारायण प्रेम के भूखे हैं, जो भी भक्त प्रभु का सच्चे मन से याद करता हैं। उनके उपर प्रभु की कृपा अपने आप बरसती है। इस अवसर पर जगदीश नारायण व्यास, देवेन्द्र मिश्र, शंकर जायसवाल, दीनानाथ प्रजापति, उमाकांत शास्त्री, योगेन्द्र नाथ त्रिपाठी, कमलाकांत गुप्त सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।


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