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अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट में की तोड़फोड़

देवरिया : मेहरौना कांड में प्रशासनिक भूमिका से उपजे अधिवक्ताओं के आक्रोश की आग धधकती जा रही है। बीते

By Edited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 11:21 PM (IST)
अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट में की तोड़फोड़

देवरिया : मेहरौना कांड में प्रशासनिक भूमिका से उपजे अधिवक्ताओं के आक्रोश की आग धधकती जा रही है। बीते दस दिनों से दीवानी न्यायालय परिसर में पुलिस के घुसने पर रोक लगाने वाले अधिवक्ताओं ने बुधवार को आंदोलन की धार को और तीखा कर दिया। वकीलों के विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रूप से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गुस्से का इजहार न सिर्फ एक सुर में किया, बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम कार्यालय के मुख्य द्वार का कांच व उपजिलाधिकारी के वाहन का शीशा तोड़ कर उन्होंने जता दिया कि वह किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं है। इतना ही नहीं डीएम आवास का घेराव करते वक्त एएसपी एनके ¨सह से तीखी नोकझोंक व पुलिस से झड़प करने वाले अधिवक्ताओं ने इस बात का भी संकेत दे दिया कि वह अधिकारियों को चैन की सांस लेने नहीं देंगे।

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डिस्ट्रिक्ट बार के अध्यक्ष ¨सहासन गिरि व कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजबांके तिवारी की अगुवाई में मंगलवार को ही अधिवक्ताओं ने इस बात का एलान कर दिया कि बुधवार को किसी भी अधिकारी को कलेक्ट्रेट में वह घुसने नहीं देंगे। अधिवक्ता संगठनों के सदस्य सुबह से ही दीवानी न्यायालय परिसर के इर्द-गिर्द जमा होने लगे। सैकड़ों की तादाद में वह कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल हुए। वहां डीएम आवास पर नारेबाजी के बाद अधिवक्ता अचानक एडीएम वित्त बच्चा लाल के कार्यालय की तरफ बढ़े। तब एडीएम वहां मौजूद नहीं थे। इस दरम्यान अधिवक्ताओं की भीड़ ने अपना गुस्सा एडीएम कार्यालय के मुख्य द्वार पर लगे कांच पर उतारते हुए उसे तोड़ डाला। एसडीएम सदर सचिन कुमार ¨सह अधिवक्ताओं की तरफ लपके। वह अधिवक्ताओं को मनाने की कोशिश करते इसके पहले ही आक्रोशित भीड़ ने उन्हें लौट जाने की हिदायत दी। वकीलों ने दो टूक कहा कि एसडीएम से कोई बात नहीं होगी। उनकी ललकार ने एसडीएम को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया।

फिर अधिवक्ता डीएम कार्यालय की ओर बढ़े और उपजिलाधिकारी के वाहन पर टूटे। वाहन का शीशा तोड़ डाला। कलेक्ट्रेट कर्मी कार्यालय में दुबक गए। इधर अधिवक्ताओं का हुजूम सिविल लाइन रोड पर उतरा। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते वह जिलाधिकारी आवास पहुंचे। उनके इस रूप से हक्का-बक्का पुलिस के अधिकारियों ने अनहोनी की आशंका में भारी फोर्स जिलाधिकारी आवास भेजा। अपर पुलिस अधीक्षक एनके ¨सह व क्षेत्राधिकारी सदर डा.अजय कुमार ¨सह के नेतृत्व में सदर कोतवाली, रामपुर कारखाना, भटनी व बघौचघाट थाने की पुलिस के अलावा एसपी कार्यालय के कर्मचारियों को भी वहां तैनात कर दिया गया। इस बीच डीएम आवास पर डटे एएसपी ने अधिवक्ताओं को आगे बढ़ने से मना कर दिया। इसको लेकर अधिवक्ताओं व एएसपी के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। कुछ पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प भी हुई। करीब एक घंटे तक डीएम आवास पर गहमागहमी व तनाव का माहौल रहा। इसके बाद अधिवक्ता सिविल लाइन रोड होते हुए वापस दीवानी न्यायालय की तरफ बढ़े। कचहरी चौराहे पर उन्होंने पुलिस को ललकारा, लेकिन पुलिस कर्मी कलेक्ट्रेट में दाखिल हो गए। एहतियात के तौर पर शाम पांच बजे तक कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिसकर्मी तैनात रहे। इधर ¨सहासन गिरि ने कहा कि अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्र को फर्जी मुकदमे में फंसाने वाले आरोपी अधिकारियों का स्थानांतरण जिले से नहीं होता और बगैर शर्त के आरोपी अधिवक्ता की रिहाई व उन पर दर्ज मुकदमे वापस नही होते, तब तक अधिवक्ता संगठन चैन की सांस नहीं लेंगे। लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जाएगी।

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फिर भारी न पड़े प्रशासनिक उलझन

देवरिया : खुद की ¨ककर्तव्य विमूढ़ की भूमिका का लार में मुजाहिरा कर चुका प्रशासन अमला अपनी फितरत से बाज आने का नाम ही नहीं ले रहा। उपजी समस्या का हल बातचीत के जरिए निकालने की बजाय उच्चाधिकारी पत्थर की बूत बन गए हैं। यही वजह है कि अधिवक्ताओं के सब्र का बांध टूट रहा है और वह उग्र प्रदर्शन की राह पर बढ़ चले हैं। लार में दो समुदाय के बीच तनाव के हालात दशहरा व मुहर्रम के एक माह पहले से ही बने हुए थे। दोनों ही पक्ष सह व मात के खेल में उलझे थे। फिर भी पुलिस लापरवाह व अधिकारी बेपरवाह बने रहे। परिणाम हुआ कि मूर्ति विसर्जन के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ व लाठीचार्ज की नौबत आ गई। बिहार से लगी सीमा पर कई दिनों तक आतंक फैला रहा। पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगे। कुछ ऐसे ही हालात अधिवक्ताओं के मामले में भी बनते नजर आ रहे हैं। बीते दस दिनों से जब न्यायिक कार्य बाधित है, कैदियों की पेशी कोर्ट में नहीं हो रही, वादकारी बैरंग घर लौट रहे है, तब प्रशासन की मूकदर्शक की भूमिका समझ के परे है। हालांकि मामले में जनपद न्यायाधीश ने भी प्रशासन व अधिवक्ताओं को बातचीत की सलाह पहले ही दे दी है। अधिवक्ताओं के आक्रोश की यह आग कोई नया गुल न खिला दे, यह आशंका समय के साथ ही बलवती होने लगी है।

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