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अधिवक्ताओं ने किया एक घंटे सड़क जाम, प्रदर्शन

देवरिया : अधिवक्ताओं का आक्रोश अब सड़क पर फूटने लगा है। मेहरौना कांड के विरोध में बेमियादी हड़ताल की

By Edited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 11:51 PM (IST)

देवरिया : अधिवक्ताओं का आक्रोश अब सड़क पर फूटने लगा है। मेहरौना कांड के विरोध में बेमियादी हड़ताल की घोषणा के दूसरे दिन गुरुवार को डिस्ट्रिक्ट व कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ता न सिर्फ न्यायिक कार्य से विरत रहे, बल्कि सड़क पर उतर कर कचहरी चौराहे पर करीब एक घंटे तक सड़क जाम कर दिया। इतना ही नहीं आंदोलन को और धारदार बनाते हुए उन्होंने एलान किया कि शुक्रवार से दीवानी न्यायालय परिसर में पुलिस का प्रवेश एक बार फिर वर्जित होगा। यह क्रम तब तक जारी रहेगा, जब तक कि अड़ियल प्रशासन अधिवक्ताओं की मांग पूरा नहीं करता। अधिवक्ताओं की इस घोषणा के बाद मेहरौना कांड से उपजे जनाक्रोश के और धधकने का अनुमान है।

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डिस्ट्रिक्ट बार के अध्यक्ष ¨सहासन गिरि व सचिव मनोज कुमार मिश्र के अलावा कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजबांके तिवारी की अगुवाई में सुबह करीब साढ़े दस बजे दीवानी न्यायालय के मुख्य द्वार पर अधिवक्ता जमा हुए। इस दौरान संबोधित करते श्री गिरि ने कहा कि हठधर्मी प्रशासन अपनी काली कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि लार के मेहरौना कांड में हजारों बेगुनाह लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने वाली पुलिस ने आम लोगों के उत्पीड़न की इंतहां कर दी है। उन्होंने कहा कि मेहरौना कांड की पठकथा लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लार थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की बजाय विभाग के उच्चाधिकारी थानेदार की हौसलाअफजाई करने में जुटे हैं। बुधवार को एकौना थानाध्यक्ष के रूप में अंशुमान यदुवंशी का स्थानांतरण होने के चार घंटे बाद ही पुलिस महकमे ने एलान कर दिया कि दागी दरोगा अपने पूर्व के पद पर बना रहेगा। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए श्री गिरि ने कहा कि यह जन भावनाओं से खुला खिलवाड़ है। इससे आहत अधिवक्ताओं ने अब फैसला कर लिया है कि दीवानी न्यायालय परिसर में पुलिस का प्रवेश एक बार फिर बंद कर दिया जाएगा। मिश्र ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली से आज बहुसंख्यक समाज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। जिले की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। पुलिस चंद लोगों के हाथ की कठपुतली बन गई है, जबकि बृजबांके तिवारी ने कहा कि बेगुनाह अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्र की बगैर शर्त रिहाई जब तक नहीं होती, तब तक अधिवक्ता चैन की सांस नहीं लेंगे। इसके बाद अधिवक्ताओं का हुजूम प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। वहां जिलाधिकारी की मौजूदगी न होने से उनका गुबार फूट पड़ा। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन आनन-फानन में एएसडीएम को सौंपने के बाद सैकड़ों की तादाद में वह कचहरी चौराहा पहुंचे और सिविल लाइन रोड पर चक्का जाम कर दिए। इससे मुख्य चौराहे के इर्द-गिर्द सैकड़ों दो व चार पहिया वाहनों की कतार लग गई। करीब एक घंटे बाद अधिवक्ता दीवानी न्यायालय की तरफ बढ़ गए और पूरे दिन उन्होंने न्यायिक कार्य ठप रखा।


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