पांच करोड़ की सड़क तीन माह में टूटी
देवरिया : जिले में सड़कों की स्थिति दयनीय है। सड़कें बनने के साथ ही टूटने लगी है। सड़कों के बीच में गड
देवरिया : जिले में सड़कों की स्थिति दयनीय है। सड़कें बनने के साथ ही टूटने लगी है। सड़कों के बीच में गड्ढे बन गए हैं। लाहिलपार से करौदी तक 12.100 किमी सड़क निर्माण 4.99 करोड़ की लागत से हुआ, लेकिन यह सड़क तीन माह में गड्ढे में तब्दील हो गई। इसको लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सड़क निर्माण की गुणवत्ता के साथ ही कार्यदायी संस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत वर्ष 27 मई 2013 को सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन सड़क निर्माण कार्य पूरा होने में करीब तीन साल लग गए। कार्यदायी संस्था ने इस सड़क का निर्माण कई बार में कराया, जो सड़क पहले बनी वह अभी नहीं टूटी है, लेकिन जो सड़क मई-जून में बनी वह टूटने लगी है। पटरी भी ऐसी बनी है कि किनारे से पिच उखड़ने शुरू हो गए हैं, क्योंकि पटरी पिच से नीचे है। बरियारपुर से महुआपाटन के बीच बनी सड़क पर वाहन हिचकोले लेकर चलते हैं। देखने से लगता है जैसे सड़क को तारकोल गिराकर पिच कर दिया गया है। सिसवां के पश्चिम तरफ एक पुलिया का निर्माण कराया गया है, जो बनने के साथ ही धस गई। वहां दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ गई है। एक पुलिया करौदी चौकी और पेट्रोल पंप के बीच बना है, जिसका वहां कोई औचित्य नहीं था। यह भी पुलिया धस चुकी है। इसके आगे बढ़ने पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के समीप की सड़क उखड़ चुकी है। यहां सड़क के किनारे नाली और इंटरला¨कग बनी है। बारिश का पानी नाली में जाने की बजाय पटरी पर ही जमा रहता है। इसी प्रकार सपा महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष सोनी गुप्ता के घर से उत्तर तरफ मोड़ पर तो सड़क गड्ढा का रूप ले चुकी है। यहां तो आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही है। अनुरक्षण के लिए 21.57 लाख रुपये विभाग के पास जमा है। करौदी निवासी लक्ष्मण वर्मा कहते है कि सड़क को बने तीन माह हुआ, लेकिन टूटना शुरू हो गया है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। ठेकेदार और कार्यदायी संस्था ने गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया है। सरौरा गांव के प्रधान पति महेश प्रसाद कहते है कि सड़क बनने के साथ टूटने लगी है। इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
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'' प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए। योजना के तहत बनी सड़क को पांच वर्ष तक अनुरक्षण करना होता है। अगर सड़क मई में बनी है और टूटने लगी है तो इसकी जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। ''
राजेश कुमार त्यागी
मुख्य विकास अधिकारी
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