खाद्य विभाग की मेहरबानी, मिलावटखोरों की चांदी
देवरिया : नगर से लगाए ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावटखोरों की जड़ें गहरी हो गई हैं। खुले में बिक रही मिठा
देवरिया : नगर से लगाए ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावटखोरों की जड़ें गहरी हो गई हैं। खुले में बिक रही मिठाई व अन्य खाद्य वस्तु पर भिनभिनाती मक्खियां संक्रामक तो मिलावटी समान से बने खाद्य पदार्थ गंभीर बीमारियों की सौगात बांट रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए महकमा जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा है।
सामाजिक, सांस्कृतिक से लगाए पारिवारिक कार्यक्रम व रोजमर्रा में मीठा का प्रयोग होता है। जिसकी वजह से बाजार में खपत काफी बढ़ गई है। जिसका सीधा लाभ मिलावटखोर मिठाई के साथ ही अन्य खाने के सामान धड़ल्ले से बेच कर ले रहे हैं। इतना ही नहीं इन मिलावटी सामानों की कीमत भी मनमानी वसूली जा रही है, जिससे ग्राहक की सेहत के साथ ही जेब पर भी डाका पड़ रहा है। क्षेत्र के महेन, बरांव, मदनपुर, पकड़ी बाजार में कितनी दुकानें तो ऐसी खुली हैं जिनका विभाग के पास लेखा जोखा ही नहीं है। नकली खोये से तैयार मिठाई के नाम पर लोग महंगे दाम देकर बीमारी खरीदते नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार इन दुकानों व इनके सामानों की कभी जांच होते नहीं देखा गया। यदि भूले से कभी जांच अधिकारी पहुंचते भी हैं तो उस दिन सभी दुकानें पहले से ही बंद मिलती हैं।
मिठाई के भाव में बिकते हैं डिब्बे
ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी सभी जगह मिठाई के ऊंचे दाम के बराबर ही कागज के भारी भरकम डिब्बों की भी कीमत ग्राहक से वसूली जाती है। मीठा तौलते समय दुकानदार उसके साथ ही डिब्बे का भी वजन कर देता हैं। आपत्ति करने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में 40 से 60 रुपये किलो के भाव वाले गत्ते तीन से आठ सौ रुपये किलो के भाव पर आसानी से बिक जा रहे।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी राकेश ¨सह ने कहा कि विभाग के अलावे दुकानों का औचक निरीक्षण कर नमूना लिया जाएगा। जांच में खामी मिलने पर कार्रवाई होगी। तौल में हेरफेर करने वालों की भी नकेल कसी जाएगी।