आइएमए करेगा नैदानिक स्थापना नियमावली का विरोध
देवरिया: प्रदेश सरकार के नैदानिक स्थापना यानी पंजीकरण व विनियम नियमावली 2016 की अधिसूचना जारी हो चु
देवरिया: प्रदेश सरकार के नैदानिक स्थापना यानी पंजीकरण व विनियम नियमावली 2016 की अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस एक्ट के लागू होने से जहां चिकित्सा सेवाएं महंगी हो जाएंगी वहीं अधिकतर अस्पताल बंद हो जाएंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस एक्ट का विरोध करता है। 30 जुलाई को चिकित्सक पूरे प्रदेश में आइएमए के बैनर तले विरोध दिवस बनाएंगे तथा जनता को इससे होने वाले नुकसान को लेकर जागरूकता अभियान शुरू करेंगे।
यह जानकारी आइएमए जनपद शाखा के अध्यक्ष विपिन बिहारी शुक्ला, सचिव डा.संजीव अग्रवाल, आइएमए के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डा.अनिरुद्ध ¨सह, डेंटल एसोसिएशन के डा.विकास पांडेय तथा डा.शोभा शुक्ला ने बुधवार को देवरिया क्लब में आयोजित एक संयुक्त पत्रकारवार्ता में दी। चिकित्सकों ने बताया कि इस एक्ट के तहत प्रत्येक चिकित्सा संस्थान को सरकार से पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और अपंजीकृत जगह पर चिकित्सा प्रदान करना गैर कानूनी होगा। ऐसे में किसी भी प्रकार के चिकित्सा शिविर या कैंप लगाना असंभव होगा।
उन्होंने कहा कि यह एक्ट पश्चिमी देशों के मानकों के आधार पर बनाया गया है। इसके अनुसार सभी अस्पतालों में मान्यता प्राप्त नर्सों तथा अन्य चिकित्सा सेवाकर्मी को रखना अनिवार्य होगा। परंतु 2012 में जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सर्वेक्षण में माना गया है कि देश में चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद कमी है। डब्लूएचओ द्वारा 2010 में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 24 लाख नर्सो की कमी है। इन सबके बावजूद यदि सरकार इस एक्ट को लागू करती है तो अधिकतर अस्पताल एवं नर्सिग होम बंद हो जाएंगे। आइएमए की मांग है कि जब प्रदेश में मान्यता प्राप्त सेवाकर्मी उपलब्ध नहीं होते तब तक अस्पतालों को इस एक्ट से छूट दी जाए।
चिकित्सकों ने बताया कि आज हमारे देश में अस्पताल शुरू करने के लिए लगभग दो दर्जन लाइसेंस के साथ-साथ अनुमति प्राप्त करनी होती है। इस एक्ट से इंसपेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। हमारी सरकार से मांग है कि अस्पताल शुरू करने के लिए सभी लाइसेंसों को एकल खिड़की के तहत प्रदान कया जाएगा।