सकारात्मक सोच से जी सकते हैं स्वस्थ जीवन
जागरण संवाददाता, देवरिया: समाज में महिला को कई तरह की भूमिकाएं निभानी होती हैं ऐसे में उसका स्वस्थ
जागरण संवाददाता, देवरिया: समाज में महिला को कई तरह की भूमिकाएं निभानी होती हैं ऐसे में उसका स्वस्थ रहना जरूरी है। जब वह स्वस्थ होगी तभी सभी भूमिकाओं का निर्वाह कर सकेंगी। सकारात्मक सोच भी जीवन को स्वस्थ बना सकता है। आज की भागदौड़ की ¨जदगी में कार्यों के बोझ के कारण महिलाएं व युवतियां चिड़चिड़ी हो जाती है। उनमें सहनशीलता की कमी हो गई है जिसके कारण मां-बाप और शिक्षक द्वारा दी गई सही सीख पर भी वे गलत तरीके की प्रतिक्रिया देती हैं।
उक्त बातें दीनानाथ पाण्डेय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के तीसरे दिन बौद्धिक सत्र में बतौर मुख्य अतिथि डा.शशि प्रभा गुप्ता ने कहीं। उन्होंने कहा कि समय व आयु के साथ हार्मोंस में बदलाव, खानपान में अनियमितता और काम की अधिकता के कारण चिड़चिड़ापन, कमजोरी, थकान इत्यादि आम समस्याएं है। अपनी दिनचर्या को नियमित करके व व्यायाम को शामिल कर इसे कम किया जा सकता है। इस दौरान शिविर में भाग ले रही छात्राओं ने ढेरों समस्याओं के बारे में डा.गुप्ता से बात की व समाधान पूछा। डा.गुप्ता ने चिकित्सकीय राय देने के साथ ही कहा कि नकारात्मक ¨चतन को अपने से दूर रखें। अपनी सोच बदलें तो स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।