पुलिसिया तांडव से ग्रामीणों का पलायन
देवरिया : महुआडीह चौकी में आगजनी के बाद पुलिस ने वह रौद्र रूप धारण किया, जिसे देख ग्रामीणों के होश फ
देवरिया : महुआडीह चौकी में आगजनी के बाद पुलिस ने वह रौद्र रूप धारण किया, जिसे देख ग्रामीणों के होश फाख्ता हो गए। बर्बरता का चोला ओढ़े पुलिस के जवान ग्रामीणों पर काल बनकर टूटे। उनकी लाठियों ने न सिर्फ निरीह महिलाओं बल्कि बच्चों को भी नहीं बख्शा। रात के अंधेरे में घरों के दरवाजे तोड़कर ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूरी रात चले पुलिस के नंगे नाच से ग्रामीण इस कदर दहशतजदा हुए कि उन्होंने गांव से पलायन करना ही मुनासिब समझा। नतीजा हुआ कि शनिवार को रामपुर दूबे गांव में मरघट सा सन्नाटा पसरा रहा।
रामपुर दूबे गांव के रहने वाले विनय दूबे की असामयिक मौत से शुक्रवार देर शाम ग्रामीण इस कदर उग्र हुए कि उन्होंने महुआडीह पुलिस चौकी को ही आग के हवाले कर दिया। युवक की दर्दनाक मौत के प्रकरण में लापरवाही बरतने का आरोप लगाने वाले ग्रामीणों ने आगजनी में पुलिस की दो राइफल व छह मोटर साइकिल फूंक दी। हालात काबू करने के प्रयास में पुलिस को हवाई फाय¨रग तक करनी पड़ी। ग्रामीणों के आक्रोश से जैसे-तैसे पार पाने के बाद पुलिस के पांव रामपुर दूबे गांव की ओर बढ़े। रात के अंधेरे में पुलिस के बूटों की आवाज सन्नाटे को चीरने लगी। ग्रामीणों के दरवाजे पर पुलिस के जवान दस्तक देने लगे। जवाब न मिलने पर ग्रामीणों को ललकारा गया। भद्दी गालियां बकी जानें लगीं। फिर भी उत्तर न मिलने पर घरों के दरवाजे सिलसिलेवार तोड़े जाने लगे। दरवाजा तोड़कर घरों में घुसे पुलिस के जवानों ने कमरे में दुबकी महिलाओं को बेरहमी से पीटा। पुलिस की पिटाई से महिलाएं व बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे। ग्रामीणों को खींच-खींच कर वाहनों में भरा जाने लगा। पुलिस के इस क्रूर बर्ताव से हालात भयावह हो गये। करीब बारह सौ आबादी वाला गांव देखते ही देखते वीरान हो गया। बच्चों का मुंह दबाकर महिलाएं खेतों की तरफ भागीं। धान की फसलों के बीच छिपकर उन्होंने रात गुजारी। पुलिसिया बर्बरता को बयां करते मारकंडेय दुबे की पत्नी सुनीता देवी, सुभावती देवी पत्नी अमरनाथ, त्रिलोकी, श्रीराम दुबे आदि ग्रामीण फफक फफक कर रो पकड़े हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि अब तक के जीवन में कानून के रखवालों का ऐसा सितम उन्होंने नहीं देखा। उधर बहन के ससुराल राखी बंधाने आये गोरखपुर जिले के थाना गोला स्थित ग्राम पठखौली निवासी आनंद कुमार पाठक व अमित कुमार पाठक भी पुलिसिया कोप के शिकार बने। ग्रामीणों के मुताबिक दोनों युवक निरीह व बेकसूर हैं। उन्हें पुलिस ने बलि का बकरा बना दिया।