आखिर फूट ही गया ग्रामीणों का गुबार
देवरिया : शुक्रवार को ग्रामीणों का गुबार पुलिस पर यूं ही नहीं फूटा। ग्रामीणों को जब इस बात की भनक ल
देवरिया : शुक्रवार को ग्रामीणों का गुबार पुलिस पर यूं ही नहीं फूटा। ग्रामीणों को जब इस बात की भनक लगी कि चंद रुपये की लालच में पुलिस उस वाहन को छोड़ चुकी है, जिसकी ठोकर से घायल होने के तीन दिन बाद रामपुर दूबे के एक युवक की मौत शुक्रवार को हो गई। कहा जा रहा है कि घायल युवक की जान बचाने के लिए ग्रामीणों में चंदा एकत्रित करने की होड़ मची थी। इधर पुलिस ने उनकी उम्मीद मटियामेट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसके से तो ग्रामीणों के आक्रोश का लावा फूट पड़ा और इस आग में महुआडीह चौकी धू-धू कर जलने लगी।
ग्रामीणों की मानें तो महुआडीह पुलिस चौकी के समीप स्कार्पियो ने ग्राम रामपुर दुबे निवासी व मोटर साइकिल सवार विनय दूबे को ठोकर मारा। तीस वर्षीय युवक जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज भेजा गया। चिकित्सक उसकी हालत नाजुक बता रहे थे। इधर गुरुवार को घायल के परिजन तहरीर लेकर रामपुर कारखाना पहुंचे। उन्होंने आरोपी चालक व वाहन के खिलाफ तहरीर देने का प्रयास पुलिस को किया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने थाने से न सिर्फ उन्हें भगा दिया, बल्कि इस सवाल पर भी खामोश हो गई कि जिस वाहन को पकड़ कर ग्रामीणों ने उन्हें सौंपा वह कहां है? बहरहाल ग्रामीणों की नजर विनय की जान बचाने पर टिकी थी। बताया जाता है कि पहली मर्तबा बीस हजार रुपये ग्रामीणों ने एकत्रित किया। रुपये कम होने पर सत्रह हजार रुपये और जुटाये गये। इस रुपये को लेकर ग्रामीण अभी रास्ते में थे, तब तक खबर लगी कि विनय ने दम तोड़ दिया है। इसके बाद ही ग्रामीणों की भीड़ महुआडीह चौराहे पर जमा होने लगी। ग्रामीणों के इस आरोप को इस लिए खारिज नहीं किया जा सकता कि पूर्व भी ऐसे कई गंभीर प्रकरण प्रकाश में आये जिसे चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी पचा ले गये। खामियाजा पीड़ितों को भुगतना पड़ा। एक वर्ष पहले भतीजे से विवाद को लेकर टीलाटाली गांव के रहने वाले एक युवक ने महुआडीह चौकी पर तहरीर दी। गंभीर प्रकरण में पंचायत कर पुलिस ने मामले को ठंडा करने का प्रयास किया। नतीजा हुआ कि दूसरे दिन ही भतीजे ने चाचा को चाकू से गोद दिया। इसी प्रकार गौरीबाजार थाना क्षेत्र की एक विवाहिता प्रेमी के साथ भागते हुए रंगेहाथ पकड़ी गई। ससुरालियों के साथ पंचायत करा कर विवाहिता को उसके प्रेमी के सुपुर्द कर दिया गया। अंजाम यह हुआ कि ससुराल से हाथ धो चुकी विवाहिता को पांच माह बाद प्रेमी ने भी दगा दे दिया। ऐसे कई किस्से हैं जो महुआडीह चौकी की कारगुजारियों की पोल खोल चुके हैं। ऐसे वाकयों से आजिज जनता ने आखिरकार कानून को हाथ में ले लिया।