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विशुनपुर देवार के आठ टोले पानी से घिरे

देवरिया: रविवार को उफान के बाद सोमवार को घाघरा की रफ्तार एक बार फिर थम गई। जलस्तर में वृद्धि रुकने

By Edited By: Published: Mon, 24 Aug 2015 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2015 10:01 PM (IST)

देवरिया: रविवार को उफान के बाद सोमवार को घाघरा की रफ्तार एक बार फिर थम गई। जलस्तर में वृद्धि रुकने के बाद प्रशासन ने तो राहत की सांस ली है, लेकिन तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। विशुनपुर देवार के आठ टोले पानी से घिर गए हैं।

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सोमवार को घाघरा का जलस्तर 66.68 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 66.50 से 18 सेमी अधिक है। रफ्तार थमने के बाद भी विशुनपुर देवार के लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। स्कूलहिया टोला, कटलहवा टोला, नई यादव बस्ती, नई दलित बस्ती, लोहार टोला, चौहान टोला, जरलहवा टोला, श्यामलाल हरिजन का टोला पानी से घिरे हुए हैं। खेतों में पानी भर जाने से पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। ग्रामीणों को आने जाने के लिए अभी तक प्रशासन द्वारा नाव नहीं मुहैया कराई जा सकी है।

परसिया कूर्ह में कटान फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। कटान की भेंट चढ़ती मकानों से ईंट व सरिया निकालने के लिए ग्रामीण खुद के हाथों अपने आशियाने पर हथौड़ा चला रहे हैं। कपरवार, रगरगंज, कटइलवा, मेहियवां, पैना गांव पर दबाव बना हुआ है। राप्ती के पानी से घिरे भदिला प्रथम, धनया उर्फ कुंद महाल पर नदी का दबाव बरकरार है। पानी में फंसे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।

भागलपुर में घाघरा खतरे के निशान से 11 सेमी नीचे प्रवाहित हो रही है। हालांकि दोपहर बाद से जलस्तर स्थिर हो गया है, लेकिन कई स्थानों पर पानी का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। उधर तटवर्ती क्षेत्रों के लोग परेशान नजर आ रहे हैं। तुर्तीपार स्थित केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर में घाघरा 63.89 मीटर पर बह रही है। सोमवार को दोपहर बाद से नदी का जलस्तर स्थिर है। इसके बावजूद भागलपुर-मईल मार्ग पर छित्तुपुर गांव के समीप, भागलपुर के मल्लाह बस्ती पर नदी का दबाव दिख रहा है। अगर जलस्तर बढ़ा तो देवरहा बाबा आश्रम को जाने वाली सड़क पर पानी ओवर-फ्लो करने लगेगा।

------------------------गोर्रा लाल निशान के करीब

रुद्रपुर: पिछले एक पखवारे से कच्छप गति से बढ़ रहा राप्ती व गोर्रा का जलस्तर लाल निशान के करीब पहुंच गया है। नदी महज डेढ़ मीटर खतरे के निशान से दूर है। जलस्तर बढ़ता रहा तो जल्द ही खतरे के निशान को पार कर जाएगी। जलस्तर में बढ़ोतरी से नदी का दबाव तटवर्ती गांवों पर बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के ग्राम कोड़र , पलिया, ईश्वरपुरा, बहोरादलपतपुर, नरायनपुर, पिड़री सहित दर्जनों गांवों के समीप नदी तेजी से कटान कर रही है। नदी का उफान कछारवासियों के लिए किसी सांसत से कम नहीं है। जर्जर बंधें उनकी रात की नींद उड़ा दिए हैं। सोमवार देर शाम बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार राप्ती 68.35 मीटर और गोर्रा 68.95 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। इस संबंध में उपजिलाधिकारी राकेश ¨सह ने बताया कि नदी की हालत पर बराबर नजर रखी जा रही है।


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