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पीएनबी पहुंची गोरखपुर की टीम

देवरिया : मईल थाना के पिपरा पाठक निवासी योगेंद्र प्रसाद का पंजाब नेशनल बैंक की शाखा मईल में खाता है

By Edited By: Published: Wed, 24 Jun 2015 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2015 10:15 PM (IST)
पीएनबी पहुंची गोरखपुर की टीम

देवरिया : मईल थाना के पिपरा पाठक निवासी योगेंद्र प्रसाद का पंजाब नेशनल बैंक की शाखा मईल में खाता है। उनके खाते पर दूसरे व्यक्ति को एटीएम कार्ड जारी कर दिया गया है और दस लाख रुपये की निकासी कर दी गई है। इसकी शिकायत करने के बाद जांच हुई, जिसमें पता चला कि वह ही व्यक्ति पंजाब नेशनल बैंक की शाखा नोनापार में भी एक खाते से लाखों रुपये निकाल लिया है। इसमें कर्मचारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगते ही बैंक प्रबंधन इसको लेकर गंभीर हो गया है। सूत्रों का कहना है कि गोरखपुर से आई टीम ने नोनापार व मईल शाखा में जांच की। जांच के दौरान गड़बड़ी मिली है। साथ ही फुटेज की जानकारी ली। सूत्रों का कहना है कि नोनापार में सीसीटीवी कैमरा बंद मिला, जिस पर कर्मचारियों को फटकार लगाई गई। इस बाबत शाखा प्रबंधक मईल का कहना है कि टीम आई थी। घंटों जांच करने के बाद चली गई। शाखा प्रबंधक नोनापार का कहना है कि कभी-कभी सीसीटीवी कैमरा बंद हो जाता है। हमारी शाखा में टीम के आने की सूचना नहीं है।

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यूपी-बिहार में फैला रैकेट

यह रैकेट बड़े पैमाने पर अपना जाल फैलाया हुआ है। इसका रैकेट यूपी व बिहार क्षेत्र में काम कर रहा है। क्योंकि एटीएम कार्ड का प्रयोग यूपी के कुछ जिलों के अलावा बिहार के भी कुछ इलाकों में किया गया है। इससे यह साबित होता है कि यह रैकेट दोनों प्रांतों में काम कर रहा है। हालांकि बैंक प्रबंधन अभी तक यह डाटा लोगों को उपलब्ध नहीं कराया है कि इनका पैसा यूपी व बिहार में किस-किस एटीएम से निकाला गया है।

कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है यह कार्य

जिस तरह यह रैकेट काम कर रहा है, उस तरह बिना कर्मचारियों के सहयोग से यह जालसाजी नहीं हो सकता। इन रैकेट के सदस्यों ने उन्हीं लोगों को निशाना बनाया है, जिनके खाते में फोटो नहीं लगा हुआ है। आखिर यह जालसाज कैसे जान गए कि इस खाता में खाता धारक का फोटो नहीं लगा है? बिना कर्मचारी के यह जालसाजी संभव ही नहीं है।

सीसीटीवी फुटेज ही करेगा मदद

पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं में इस तरह की हुई जालसाजी के बाद बैंक प्रबंधन का होश ही उड़ गया है। अब बैंक प्रबंधन यह सोचने को मजबूर दिख रहा है कि अब जालसाज को कैसे पहचाना जाए। जानकारों का कहना है कि हम कर्मचारी व जालसाज दोनों को पकड़ सकते हैं। जिस समय यह एटीएम कार्ड जारी किया गया है, उस समय का सीसीटीवी फुटेज जांच किया जाए तो यह पता चल जायेगा कि उस जालसाज के साथ वह कर्मचारी कौन है?


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