सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी को पुलिस ने भेजा जेल
देवरिया : स्थानीय थाना क्षेत्र के एक गांव से पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को क्षेत्र के पकड़ी बाबू ति
देवरिया : स्थानीय थाना क्षेत्र के एक गांव से पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को क्षेत्र के पकड़ी बाबू तिराहा से गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। चार दिन पूर्व गांव की ही किशोरी देवरिया रोडवेज परिसर में मिली थी, जिसके हाथ, पैर बंधे थे। किशोरी ने महिला थाना देवरिया को अपने साथ की गई ज्यादती बयां की, तो पुलिस हरकत में आई और आरोपी व उसकी मां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गई। पुलिस एक दिन पूर्व आरोपी की मां को किशोरी को भगाने में सहयोग करने पर जेल भेजा था। मुखबिर की सूचना के बाद मुख्य आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हालांकि परिजनों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने इसे नही माना बल्कि एक युवक द्वारा ही दुष्कर्म करने की बात पर पुलिस अड़ी रही। इस पर ¨हदू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री दिलीप ¨सह बघेल व माकपा नेता कामरेड साधुशरण ने आपत्ति दर्ज कराई थी। हियुवा के प्रतिनिधिमण्डल से लड़की के पिता ने स्पष्ट कहा कि मेरी लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसमें पुलिस लीपापोती कर रही है। बावजूद इसके पुलिस ने एक न सुनी और सिर्फ दो लोगों इमामुद्दीन पुत्र लियाकत व उसकी मां खुश्बुनिशा को ही घटना का सूत्रधार माना। दोनों के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 363, 366, 376, पास्को एवं एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मंगलवार की रात मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली। थानाध्यक्ष माधव प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। सामूहिक दुष्कर्म का आरोप निराधार है। घटना में शामिल दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
मेरी बेटी के साथ हुआ सामूहिक दुष्कर्म
लड़की के पिता ने बताया कि मेरी बेटी को आरोपी व उसकी मां घर से रात में बहला फुसलाकर ले गए और उसके मुंह पर स्प्रे मारकर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद उसके बाद आरोपी युवक व उसके पांच दोस्त उसके हाथ-पैर बांध देते थे और उसके साथ दुष्कर्म करते। 24 दिन द¨रदों के चंगुल में मेरी बेटी रही। यह बातें पुलिस को खुद मेरी बेटी ने बताया है, लेकिन पुलिस उल्टे मेरी बेटी और मुझे धमकी दे रही है। महिला पुलिसकर्मी 5 लाख रुपये बयान बदलने के लिए देने की बात कह रही हैं। पुलिस भरोसे के लायक नही रह गई है। मुजरिम व पुलिस में कोई अंतर नही है साहब, किससे न्याय की गुहार लगाऊं कुछ समझ में नही आता कहकर फोन पर ही फफक कर रो पड़ता है।