कागज में अलाव, कांप रहे लोग
देवरिया : नगर पालिका प्रशासन भले ही इस भीषण ठंड में शहर के प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाने की बात कर र
देवरिया : नगर पालिका प्रशासन भले ही इस भीषण ठंड में शहर के प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाने की बात कर रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि चौराहे सूने पड़े हैं। सभी अलाव कागजों में जलाए जा रहे हैं और गरीब कूड़े की आग के सहारे ठंड से जंग लड़ रहे हैं। रैन बसेरों की हालत यह है कि अराजक तत्वों का अड्डा बन गया है, जहां मोटरसाइकिल सवार देर रात तक मस्ती करते हैं और गरीब बाहर बैठकर रात गुजारते हैं।
बर्फीली हवा के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है। नपा प्रशासन प्रमुख चौराहों व मुहल्लों में अलाव जलवाने का दावा कर रहा है। नगर पालिका की आंख में धूल झोंक कर ठेकेदार अलाव के नाम पर लाखों का वारा-न्यारा करने में जुटे हैं। गरीबों को ठंड से राहत भले न मिले, ठेकेदारों की जेबें जरूर गर्म हो रही है। ठंड के चलते राहगीर व दुकानदार तथा ठेला, पटरी व्यवसायी जगह-जगह कागज व कूड़ा जलाकर ठंड से निजात पाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। गरीब व झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों का दशा और दयनीय हो गई है। सोमवार की शाम संवाददाता ने शहर के प्रमुख चौराहों की पड़ताल की, तो कुछ जगह गीली पतली लकड़ी तो मिली, जिसे जलाने की जद्दोजहद चल रही थी। अधिकांश चौराहें सन्नाटे में रहे। यहां तक कि शहर का हृदयस्थल कहे जाने वाले सुभाष चौक पर भी अलाव का पता नहीं था। सूत्र बताते हैं कि एक-एक दिन ठंड बीत रही है और अलाव के नाम पर लाखों का खेल जारी है, जो ठंड होने के बाद पक्का हो जाएगा। ऐसे में नगर पालिका प्रशासन का दावा तार-तार होता नजर आ रहा है।
रैन बसेरों पर गौर करें, तो यह गरीबों के लिए दिखावा साबित हो रहे हैं। मालवीय रोड पर ओवरब्रिज के नीचे रैन बसेरा की हालत यह थी कि अंदर रजाई व गद्दों पर बैठ मोटरसाइकिल सवार ताश के पत्ते फेट रहे थे, जबकि गरीब बाहर गीली लकड़ी को घेरे बैठे थे, ताकि जब वह जले, तो उन्हें राहत मिलेगी। ठंड ने दुश्वारियां इस कदर बढ़ा दी है कि कूड़ा करकट का ही सहारा है।