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प्रेम भक्ति और समर्पण त्याग से संभव

देवरिया : जगत गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्री 1008 स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज ने चौथे दिन रव

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 11:05 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 11:05 PM (IST)

देवरिया : जगत गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्री 1008 स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज ने चौथे दिन रविवार को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए कहा कि त्याग से प्रेम भक्ति, मान-सम्मान और समर्पण संभव है। श्री राम राज्य जैसा आज तक कोई राज्य न हुआ है और न हीं होगा।

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श्री महाराज सदर विकास खंड क्षेत्र के उर्मिला विद्या मंदिर एवं अलखा महिला महाविद्यालय फुलवरिया लच्छी परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान वामन ने बली का पूरा राज्य तीन पग में ही प्राप्त कर लिया। इसके बाद बली को दान कर दिया। श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि चारो भाइयों में जो प्रेम था। वह सारी दुनिया में देखने को नहीं मिली है। श्रीराम के वन चले जाने के बाद भरत ने उनके खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर राज्य चलाया, लेकिन उस सिंहासन पर बैठा नहीं है। यहीं त्याग है। इसके पश्चात कथा स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। जहां सभी श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, सीएमओ डा.एएन तिवारी, डा.सीबी मिश्रा, डा.जेएन पांडेय, डा.सौरभ बरनवाल, डा.मिथिलेश कुमार सिंह, आयोजक हरीश प्रसाद त्रिपाठी, अशोक सिंह, प्रबंधक ओमप्रकाश मणि त्रिपाठी, डा.डीके पांडेय, रश्मि पांडेय आदि उपस्थित रहे।


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