'शबरी बेर महाप्रसाद' का लगेगा भोग
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : त्रेतायुग में जिन शबरी के बेर को भगवान राम ने बड़े ही स्वाद से खाया था। अ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : त्रेतायुग में जिन शबरी के बेर को भगवान राम ने बड़े ही स्वाद से खाया था। अब वही बेर के लड्डू का भोग भगवान कामतानाथ को भी लगेगा। जिसको महाप्रसाद के रुप में जेष्ठ मास की अमावस्या को धर्मनगरी के संत महंतों ने भगवान को भोग लगाया। ग्रामोदय विश्वविद्यालय से समाज कार्य की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने बेर के लड्डू बनाएं हैं उनका उद्देश्य है कि कामतानाथ में भोग लगने से बुंदेलखंड में लोगों को रोजगार मिलेगा।
एमएसडब्लू के छात्रों ने बेर के लड्डू को 'शबरी बेर महाप्रसाद' नाम दिया है। अमावस्या पर कामतानाथ मंदिर के अधिकारी मदनगोपाल दास जी महाराज के साथ धर्मनगरी के जानकी महल मंदिर के महंत सीताशरण दास, छविराम जी महाराज, नागा जी महाराज, हनुमानदास आदि संत महंतों ने बेर महाप्रसाद को कामतानाथ में चढ़ाकर शुरूआत की। इस दौरान विवि के प्रो. डा. अजय कुमार चौरे, डा. जनक बहादुर, एसडीओपी पन्नालाल अवस्थी, प्रगतिशील किसान प्रेम ¨सह व पुष्पेन्द्र आदि मौजूद रहे।
'बुन्देली माटी एक पहल' के तहत काम कर रहे एमएसडब्लू के कार्यकर्ता गर्जन ¨सह ठाकुर, अंकित कुमार पांडेय, लवकेश कुशवाहा, सुरेश प्रताप ¨सह, प्रवीण, अशोक मौर्य, अजय, मनीष, शिवम, चन्दन, सौरभ गुप्ता, अंजू गुप्ता, प्रहलाद अग्रवाल व नेहा चौरसिया आदि ने महाप्रसाद की शुरुआत की है। मदन गोपाल दास महाराज ने कहा कि कामतानाथ भगवान को बेर महाप्रसाद चढ़ाया गया। इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। बुंदेलखंड में बेर का फल काफी होता है यदि लोग कुटीर उद्योग के रुप में इसके लड्डू बनाने का काम शुरू कर देंगे तो किसानों को भी अच्छा फायदा होगा। अभी किसान बेर के पेड़ को बेकार समझ कर काट डालते हैं। यह प्रयास बुन्देलखण्ड के किसानों को बेर के माध्यम से अलग तरीके का नया रोजगार देने का एक प्रयास है। इस पहल का सभी संत समाज व सभी भक्तों ने स्वागत किया एवं बेर से निर्मित लड्डुओं को चढ़ाने में उत्सुकता दिखाई।