चित्रकूट मॉडल पर कार्य कर बना सकते हैं राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद् (एन.सी.आर.आई.) हैदराबाद के उपाध्यक्ष डॉ. भरत पाठक एवं विवि के कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम के बीच दोनों संस्थाओं के मध्य कार्य करने की सम्भावनाओं एवं अनुबंध को लेकर विचार-विमर्श हुआ।
एन.सी.आर.आई. के उपाध्यक्ष डॉ. भरत पाठक ने कहा कि चित्रकूट विविधताओं से भरा पड़ा है। प्राकृतिक ²ष्टि से देखे तो यहां नदी है, पहाड़ है, पेड़-पौधे आदि हैं। आध्यात्मिक ²ष्टि से साधु-संत हैं, भक्तों की भीड़ है। प्रभु राम और भरत का मिलन स्थल है चित्रकूट। चित्रकूट में ग्रामीण विकास की शिक्षा, दिव्यांगों को शिक्षा, आँखों के ऑपरेशन, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद-एलोपैथ, दंत चिकित्सा व कौशल शिक्षा आदि सब कुछ है। राष्ट्रऋषि नानाजी ने इस क्षेत्र के विकास के लिये अनेक कार्य किये हैं। सामाजिक कार्यो के लिये यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। चित्रकूट के विकास मॉडल को लेकर सभी स्तरों पर चर्चा होती है। उन्होंने एन.सी.आर.आई. के कार्यो के बारे में बताते हुये कहा कि देश के अनेक केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं आई.आई. टी. इससे जुड़े हैं। ग्रामोदय विश्वविद्यालय को इस परिषद् से जोड़कर ग्रामोदय की प्रतिष्ठा को भारत उदय तक ले जाना हमारा मूल उद्देश्य होना चाहिये। डॉ. पाठक ने सुझाव दिया कि चित्रकूट क्षेत्र की समस्त संस्थाओं के परस्पर समन्वय के साथ चित्रकूट मॉडल पर कार्य करते हुये सबके सहयोग से राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रभाव स्थापित कर सकते हैं।
यहां ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम ने कहा कि हम गाँव के लोगों के लिए काम करें तभी आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। यहां ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल की पूर्व सदस्या डॉ. नंदिता पाठक सहित ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण रहे।