गबन में अवर अभियंता और प्रधान को सजा
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: सरकारी धन के गबन के मामले में दोष सिद्घ होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
जागरण संवाददाता, चित्रकूट: सरकारी धन के गबन के मामले में दोष सिद्घ होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अवर अभियंता और ग्राम प्रधान को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड से भी दंडित किया है।
अभियोजन अधिकारी श्रीराम यादव ने बताया कि जिला पंचायत के तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी के एन खरवार ने कर्वी कोतवाली में चित्रकूट धाम कर्वी ब्लाक में सम्बद्घ ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के अवर अभियंता जयप्रकाश और चित्रकूट धाम कर्वी ब्लाक के रानीपुर भट्ट ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान सुशीला देवी के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वादी ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा था कि सदर ब्लाक के रानीपुर भट्ट ग्राम पंचायत में बंधी और चेकडैम निर्माण के लिए मनरेगा के तहत सात लाख रुपए की प्रथम किश्त की धनराशि अवमुक्त की गई थी। जिसमें 676302.36 रुपए भुगतान कर स्टोन ग्रिड, कोर्स सैंड, स्टोन ब्लास्ट, सीमेन्ट व सरिया आदि खरीदने के नाम पर इस धनराशि का बंदरबांट करते हुए वित्तीय अनियमितता की गई थी। जिसकी जांच तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कराई गई थी। जिस जांच में भी अवर अभियंता और तत्कालीन ग्राम प्रधान दोषी पाए गए थे। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद तत्कालीन ग्राम प्रधान सुशीला देवी के विरुद्घ तो आरोप पत्र दाखिल किया था किन्तु अवर अभियंता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नही किया था। न्यायालय ने सम्बन्धित प्रपत्रों का अवलोकन करने के बाद अभियोग बनता पाए जाने पर अवर अभियंता जय प्रकाश को भी विचारण के लिए तलब कर लिया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुभाष सिंह ने इस मामले में बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को निर्णय सुनाया। जिसमें धारा 409 के तहत दोष सिद्घ होने पर अवर अभियंता जयप्रकाश और ग्राम प्रधान सुशीला देवी को सात-सात वर्ष के कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 420 के तहत दोष सिद्घ होने पर पांच-पांच वर्ष कारावास और पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।