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आसमान से बरस रही आग, पारा 43 पार

जागरण संवाददाता, चंदौली: आग उगलती गर्मी और भयंकर बिजली कटौती से इन दिनों जनजीवन बेहाल है। एक तो दिन

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 08:46 PM (IST)
आसमान से बरस रही आग, पारा 43 पार

जागरण संवाददाता, चंदौली: आग उगलती गर्मी और भयंकर बिजली कटौती से इन दिनों जनजीवन बेहाल है। एक तो दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है, ऊपर से बिजली की आंख-मिचौली ने परेशानी बढ़ा दी है। नगरों में तो फिर भी स्थिति सामान्य है पर ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों का हाल खराब है। गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है।

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गर्मी बढ़ने के साथ ही तापमान में भी लगातार इजाफा हो रहा है। एक सप्ताह से आसमान से मानो अंगारा बरस रहा है और पारा 40 से 43 डिग्री के आसपास बना हुआ है। बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री रहा। इसके अलावा उमस व सुबह से शाम तक चल रही लू ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। तापमान में उतार-चढ़ाव का असर लोगों की सेहत व कार्यक्षमता पर पड़ने लगा है। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से बीमार पड़ने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी है। आलम यह है कि जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड कम पड़ जा रहे हैं। वहीं जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों की भी कमोबेश यही दशा है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की खूब भीड़ देखी जा रही है। इन मरीजों में वैसे तो सभी आयु के लोग शामिल हैं पर बच्चों की संख्या कुछ ज्यादा ही है। जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या औसतन 12 सौ प्रतिदिन हो गई है।

ग्रामीणों को रुला रही बिजली

जिले के नगरीय क्षेत्रों में तो इन दिनों विद्युत आपूर्ति ठीक- ठाक है पर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दशा में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है। नगरीय क्षेत्रों में लोकल फाल्ट के कारण बिजली कटौती हो रही है लेकिन इससे लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही। वहीं गावों में बिजली आपूर्ति मात्र पांच से आठ घंटे तक सिमटकर रह गई है जबकि शासन का निर्देश है कि गांवों में कम से कम 18 घंटे बिजली दी जाए। इससे ग्रामीणों को गर्मी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा गांवों में लोड बढ़ने के कारण जलने वाले ट्रांसफार्मरों को बदलने की प्रक्रिया भी पूर्व की भांति चल रही है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जले ट्रांसफार्मरों को 24 घंटे में बदल दिया जाए लेकिन गांवों में जलने वाले ट्रांसफार्मरों को बदलवाने के लिए ग्रामीणों से विभाग का चक्कर लगवाया जा रहा है। कहीं- कहीं तो ग्रामीण ट्रांसफार्मर बदलने के एवज में विभागीय कर्मियों से सुविधा शुल्क मांगे जाने का आरोप भी लगाते रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लोड बढ़ने के बाद भी विभाग द्वारा उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर नहीं लगाए जा रहे हैं जबकि इसकी मांग लगातार की जा रही है।


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