बैं¨कग लोकपाल ने शुरू किया जागरुकता अभियान
मुगलसराय (चंदौली) : भारतीय रिजर्व बैंक कानपुर द्वारा गुरुवार को बैं¨कग लोकपाल जागरुकता कार्यक्रम की
मुगलसराय (चंदौली) : भारतीय रिजर्व बैंक कानपुर द्वारा गुरुवार को बैं¨कग लोकपाल जागरुकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर के एक होटल में बैं¨कग लोकपाल उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल एके नस्तर ने किया। इस दौरान बैं¨कग लोकपाल के बारे में बैंक ग्राहकों को जानकारी दी गई। साथ ही ग्राहकों के समस्याओं से भी अवगत होते हुए उनके सुझाव भी लिए गए।
इस दौरान बैं¨कग लोकपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 85 सौ व उत्तरांचल में 5 सौ कुल 9 हजार शिकायतें इस साल अब तक आई हैं। इस मामले में यूपी के लोग अत्यंत जागरूक हैं लेकिन यहां जनपद चंदौली से केवल 22 शिकायतें मिली हैं।
यही वजह है कि बैं¨कग लोकपाल के जागरुकता का कार्यक्रम बनाया गया और इसकी शुरुआत चंदौली से की गई। शिकायत कम आने के तीन कारण हो सकते हैं। पहला सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा हो, दूसरा शिकायतों को बैंक अपने स्तर से दूर कर देते हों और तीसरा लोगों को कहां और किससे शिकायत करनी है पता ही न हो। हम लोग तीसरे विकल्प को ही ध्यान में रखकर इस कार्यक्रम को शुरू किए हैं।
बताया कि 30 प्रतिशत शिकायतें एटीएम से जुटी हुई होती हैं। इन शिकायतों को दूर कराना पहली प्राथमिकता होती है। बैं¨कग लोकपाल में शिकायत के लिए पहले बैंक शाखा में शिकायत करनी होगी। वहां सुनवाई न होने पर निशुल्क शिकायत बैं¨कग लोकपाल में कर सकते हैं। कार्यक्रम का आयोजन केजीएसजीबी द्वारा किया गया था जबकि सहयोग में जनपद का अग्रणी बैंक यूनियन बैंक सहित भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक ने किया था।
इस दौरान एसबीआइ के शाखा प्रबंधक प्रवीण कुमार, बीओबी के आरआर ¨सह, इलाहाबाद बैंक के वीके गुप्ता, यूबीआइ के हरिकृष्ण दास और केजीएसजीबी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश श्रीवास्तव उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बैं¨कग लोकपाल के सदस्य एसडी आर्या ने किया।
1995 में हुआ था बैं¨कग लोकपाल का गठन
बैं¨कग लोकपाल के सचिव एमयू खां ने बताया कि 1990 के बाद बैंक के कार्य में काफी वृद्धि हुई और ग्राहक बढ़े तो शिकायत भी आनी शुरू हुई। इसी समय आंतरिक लोकपाल की आवश्यकता महसूस हुई। 1995 में इसकी शुरुआत हुई। उस समय केवल 11 आधार थे, लोकपाल में शिकायत करने का पर अब 27 आधार हो गए हैं। सभी बैंकों के नोडल अधिकारी पहले से तय कराए गए हैं। लोकपाल में जब कोई शिकायत मिलती है तो सबसे पहले संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी को भेजा जाता है। अगर शिकायत दूर हो गई तो ठीक नहीं तो लोकपाल अवार्ड पारित करते हैं।
सात जिलों में यूबीआइ है अग्रणी बैंक : एके दीक्षित
यूनियन बैंक के जीएम एके दीक्षित ने बताया कि इस क्षेत्र की अग्रणी बैंक है यूबीआइ। सात जिलों में यह अग्रणी है और इसके कुल 475 शाखाएं हैं। केजीएसजीबी भी यूबीआइ द्वारा ही गवर्न होता है। उसकी भी 415 शाखाएं हैं। लगभग 32 लाख खाते खोले गए हैं। कहा कि हर स्तर पर बैंक ग्राहकों के साथ है लेकिन ग्राहकों को भी समय समय पर अपनी समस्याओं से बैंक को अवगत कराते रहना चाहिए। चंदौली में बैंक की 35 शाखाएं हैं। जनपद में मोबाइल बैं¨कग सेवा भी दी जा रही है।
केजीएसजीबी में मिल रही हर सुविधा : भोला प्रसाद
काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक के चेयरमैन भोला प्रसाद ने बताया कि ग्रामीण बैंक आज हर स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं। जो सुविधाएं दूसरे बैंकों में हैं आज वह सभी सुविधाएं ग्रामीणों बैंकों में भी विद्यमान हैं। गांवों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिकतम तकनीकी का प्रयोग करते हुए सब सुविधाएं द जा रही हैं।
वैकल्पिक बैं¨कग में सावधानी जरूरी : तरुण पी
भारतीय स्टेट बैंक के डीजीएम तरुण पी लिनानी ने बताया कि आज बैं¨कग में कई तरह के विकल्प हैं। इन विकल्पों के माध्यम से ग्राहक अच्छी सेवा प्राप्त कर सकते हैं। आनलाइन बैं¨कग, मोबाइल बैं¨कग, एटीएम, ई कामर्स आदि सुविधाएं हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है सावधानी बरतना। थोड़ी सी चूक लोगों को परेशानी में डाल सकती है।
ऋण की अदायगी में बरतनी चाहिए सावधानी : एमएन पटेल
इलाहाबाद बैंक के डीजीएम एमएन पटेल ने बताया कि बैंक के पास उपभोक्ताओं के हर तरह के ऋण उपलब्ध कराने की क्षमता है। इसके लिए ऋण संबंधी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही ऋण लेना चाहिए। जो भी ऋण आवश्यक हो उसे आवश्यक कार्यों में ही खर्च करना चाहिए। ऋण की अदायगी में सावधानी बरतनी चाहिए।
सावधानी से करें एटीएम प्रयोग : योगेंद्र ¨सह
यूनियन बैंक के डीजीएम योगेंद्र ¨सह ने एटीएम प्रयोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एटीएम केबिन में प्रवेश करने के बाद उसमें थोड़ी देर तक निरीक्षण करना चाहिए। यह देखना चाहिए कि सिर के ऊपर तो कोई कैमरा नहीं लगा है जो सीधे कीबोर्ड को काउंट करता हो। अगर कहीं ऐसा हो तो एटीएम प्रयोग करने से पहले उसकी शिकायत करनी चाहिए। इसके अलावा एटीएम पर पिन नंबर नहीं लिखना चाहिए।
सजगता ही ग्राहक का होगा बचाव : एसबी प्रसाद
बैंक आफ बड़ौदा के डीजीएम एसबी प्रसाद ने बताया कि आरबीआइ या कोई भी बैंक कभी भी किसी भी उपभोक्ता से पिन नंबर की मांग नहीं करती। इसके अलावा कभी-कभी किसी बैंक का नाम लेकर लोन देने के नाम पर अथवा दूसरे बहाने से कुछ लोग फ्राड करते हैं। ऐसी स्थिति में ग्राहक सजग रहे कि उन्हें यह सब नहीं देना है। सजगता ही ग्राहक का बचाव होगा।
ग्राहकों ने दर्ज कराई शिकायत व सुझाव
बैं¨कग लोकपाल को उपस्थित ग्राहकों ने विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एटीएम से निकलने वाली कटे-फटे व नकली नोटों की समस्या रही। इसके अलावा ऋण संबंधी समस्या, बैंक कर्मियों के व्यवहार, शिकायत दर्ज करने पर कार्रवाई न होना आदि की शिकायत दर्ज कराई गई। सुझाव में कटे-फटे व नकली नोट बदलने की व्यवस्था बैंक शाखा में ही करने और फ्राड की स्थिति में किस नंबर पर शिकायत दर्ज करना है उसका डिस्प्ले बैंक में लगाने को कहा गया।