प्रदूषण पर काबू के लिए कवायद शुरू
ओबरा (सोनभद्र): डीएम संजय कुमार व एसपी शिवशंकर यादव ने बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र का सोमवार को द
ओबरा (सोनभद्र): डीएम संजय कुमार व एसपी शिवशंकर यादव ने बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र का सोमवार को दोपहर में संयुक्त रूप से दौरा कर खनन क्षेत्र में उड़ रही धूल का मुआयना किया। इस दौरान साथ चल रहे सदर एसडीएम व सीओ को निर्देशित किया कि पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके पहले खनन से जुड़े उद्यमियों को ताकीद दे दी जाए।
क्रशर सीज कर हो रही खानापूर्ति शीर्षक से जागरण ने तीन मई को पेज पांच पर प्रमुखता से पर्यावरण प्रदूषण से संबंधित खबर को प्रकाशित किया था। इसे लेकर शाम को थाने में बैठक कर सदर एसडीएम राजेंद्र तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद यादव, खनन अधिकारी राम प्रवेश ¨सह ने बारी-बारी से उद्यमियों को नसीहत दी और कहा कि एक सप्ताह में खनन व क्रशर क्षेत्र में बेकाबू धूल को उद्यमी काबू कर लें अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उद्यमियों में क्रशर ओनर्स एसोसिएशन के सचिव संजय कुमार, रवि जालान, लल्लू दुबे, ज्यूत नारायण पटेल, नंद लाल पांडेय, सतीश तिवारी मौजूद थे।
मुखर हुए उद्यमी
खनन क्षेत्र से जुड़े उद्यमी ओबरा थाने में अधिकारियों के सामने पहली बार अपनी बात रखने के लिए मुखर हुए। उद्यमियों ने कहा कि साडा सहित कई एजेंसियां हैं जो खनन क्षेत्र से विभिन्न टैक्स तो लेती हैं पर उद्योग क्षेत्र में विकास कार्य की ओर कोई ध्यान नहीं देती। वहीं खनन अधिकारी ने क्रशर ओनर्स एसोसिएशन से प्रस्ताव बनाकर विकास कार्य के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही।
नहीं मौजूद थे जिम्मेदार विभाग
थाने में हुई बैठक में प्रदूषण नियंत्रण और ओवरलोड वाहनों पर विशेष चर्चा की गई लेकिन न तो प्रदूषण नियंत्रण विभाग से कोई अधिकारी, कर्मी मौजूद थे और न ही परिवहन विभाग से कोई जिम्मेदार मी¨टग में पहुंच सका। अधिकारियों ने भी माना कि मी¨टग में प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारी को आना चाहिए था।
चित्त भी मेरी, पट्ट भी मेरी
पत्थर उद्योग से उड़ रही धूल को काबू में करने के लिए पानी के छिड़काव की हिदायत दी गई और खुद सरकारी महकमे से जारी परमिट में ओवरलोड के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया। छह या सात तक पुराने रवाना के आधार पर भार वाहनों के संचालन की मी¨टग में सलाह दी गई। सरकारी महकमे से जारी परमिट में ओवर लोड की स्थिति पहले से है।
विभाग उलझा
ओवरलोड और अंडरलोड में जिम्मेदार विभाग बुरी तरह उलझे हुए हैं। मुख्य मार्ग की गुणवत्ता ठीक नहीं होने से नवनिर्मित सड़क बैठने लगी है। ओवरलोड चलाने के लिए विविध कोड आवंटित कर संबंधित विभाग ट्रक मालिकों से विधि विरुद्ध इंट्री लेता है। सड़क की स्थिति ओवरलोड बर्दाश्त के योग्य नहीं है। सड़क बनाने के एवज में टोल टैक्स भी लिए जाने हैं। ओवर लोड चलाए तो सड़क बैठ जाए और अंडर लोड चलाए तो इंट्री का जुगाड़ बंद हो जाए। ऐसी स्थिति में जिम्मेदार महकमे की स्थिति भई गति साप छू छून्दर केरी, उगिलत निगलत प्रीति घनेरी की स्थिति बन गई है।
मकान बनाना होगा महंगा
खनन उद्योग के साथ हो रहे खेल से गिट्टी के भाव में उछाल के संकेत हैं। इससे लोगों को घर-मकान बनाना मुश्किल काम होगा, वहीं खनन उद्योग पर भी संकट के बादल छा जाएंगे।