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मारपीट में एक वर्ष की सजा

चकिया (चंदौली): खेत में पशुओं के घुस जाने को लेकर हुई मारपीट के आरोपियों को 17 साल बाद अदालत ने मंगल

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 08:52 PM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 08:52 PM (IST)
मारपीट में एक वर्ष की सजा

चकिया (चंदौली): खेत में पशुओं के घुस जाने को लेकर हुई मारपीट के आरोपियों को 17 साल बाद अदालत ने मंगलवार को सजा सुनाई।

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मामला नगर के वार्ड नंबर 2 का है। 6 अगस्त 1997 को रामबरत राम के खेत में अभियुक्त पशु चरा रहे थे। फसल के नुकसान का हवाला देकर वृद्ध रामबरत ने उन्हे ऐसा करने से मना किया। इससे खफा अभियुक्तों ने रामबरत को मारपीटकर घायल कर दिया। इससे वृद्ध का हाथ टूट गया। बचाने आई उसकी पत्‍‌नी रामरती को भी पीटकर घायल कर दिया गया। पीड़ित की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त मटुकधारी, बालकिशुन, चंदू व नंदू के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए मेडिकल कराया व विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन की ओर से गवाहों का परिक्षण कराया गया। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार कटियार ने दंड के प्रश्न पर सुनवाई की। अभियुक्त नंदू उपस्थित नहीं हुआ। इस पर न्यायालय ने उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए अन्य अभियुक्तों को धारा 323 व 506 में 6-6 माह का कारावास व एक-एक हजार रूपया जुर्माना व धारा 325 में अभियुक्त मटुकधारी को एक वर्ष का कारावास व जुर्माना एक हजार रूपये की सजा सुनाई। दौरान मुकदमा रामबरत राम के मृत्यु के चलते जुर्माने की धनराशि उसकी विधवा रामरती को देने का न्यायालय ने आदेश सुनाया। अभियोजन के ओर से एपीओ सुशील कुमार व अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने पैरवी की।


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