मूल कार्य को भूल गए सफाईकर्मी
चंदौली : सफाई कर्मचारी गांवों में नहीं आते। आते भी हैं तो अपने मूल कार्य को नहीं करते। अधिकारियों का दबाव पड़ने पर किराए के मजदूर से कार्य करा देते हैं। यह खेल प्रत्येक गांव में खुलेआम हो रहा है।
1600 से अधिक सफाई कर्मियों की लंबी फौज होने के बाद भी हल्की फुल्की बरसात में गांव की गलियां, रास्ते और नालियां बजबजा उठती हैं। गांवों में तैनात सफाईकर्मियों से जब सफाई की बात कोई ग्रामीण करता है तो उसे न केवल दो-चार गलत शब्द सुनने पड़ते हैं बल्कि कहा जाता है कि प्रधान जी की कृपा बरकरार है तो वे क्यूं सफाई करेंगे।
इस स्थिति के बाद भी कोई अधिकारी इतना कष्ट नहीं उठाता कि कम से कम सफाई कर्मियों के कार्यो को एक बार देख लिया जाए। जबकि सफाई कर्मियों के बाबत चंदौली, चकिया, शहाबगंज, नौगढ़, सकलडीहा, मुगलसराय, नियामताबाद, चहनियां, बरहनी आदि ब्लाकों से बराबर शिकायतें आती हैं कि गांवों सफाई कर्मचारियों को आए वर्षो हो गए। अधिकारियों को लिखित शिकायत के बाद भी उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। यही कारण है सफाई कर्मी मस्त हैं।
एक गांव के चार कर्मी निलंबित
लंबे समय से गांव में साफ-सफाई न होने और कर्मचारियों के न आने की सूचना पर जिला पंचायत राज अधिकारी कमलजीत सिंह ने शहाबगंज क्षेत्र के किड़िहिरा गांव का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान चारों सफाई कर्मी अनुपस्थित मिले। जबकि ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि उन्हें गांव में देखे तो एक साल से अधिक समय हो गया। डीपीआरओ ने चारों को निलंबित कर दिया। बताया कि उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।