सियासी फेरबदल से मुरझाए निवेशकों के चेहरे
सिकंदराबाद (बुलंदशहर) : सूबे में चुनाव के बाद हुए बड़े सियासी फेरबदल से ककोड़ व रबुपुरा क्षेत्र में प्रापर्टी में करोड़ों रुपये का निवेश करने वाले निवेशकों के चेहरों पर उदासी छा गई है। सत्ता बदलने के बाद क्षेत्र में प्रस्तावित योजनाओं को ग्रहण लगने की आशंका मात्र से ही निवेशक काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। ककोड़ व रबुपुरा क्षेत्र में बाहर के काफी तादाद में निवेशकों ने प्रापर्टी में मोटी धनराशि लगा रखी है।
बता दें कि कुछ समय पूर्व ककोड़ व रबुपुरा के दर्जनों गांवों को यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित किए जाने पर दिल्ली, नोएडा व गाजियाबाद के बड़े निवेशकों ने क्षेत्र में तत्कालीन सरकार की कई बड़ी प्रस्तावित योजनाओं के चलते प्रापर्टी में करोड़ों रुपये का निवेश किया था। यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे प्रस्तावित हाइटेक सिटी, जेवर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट व गौतमबुद्धनगर की सीमा से सटे ककोड़ क्षेत्र के कई गांवों में भूमि का अधिग्रहण कर विभिन्न प्रस्तावित योजनाओं के चलते निवेशकों ने क्षेत्र में ऊंचे दामों पर जमीन खरीदी थी। प्राधिकरण की योजनाओं के चलते निवेशकों ने सिकंदराबाद-जेवर मार्ग पर बीस लाख रुपये से लेकर तीस लाख रुपये प्रति बीघा तक जमीनों की खरीद की थी। ककोड़ क्षेत्र के सिकंदराबाद-जेवर हाइवे के किनारे व आसपास के प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित गांवों में स्थित जमीनों पर निवेशकों ने मोटा दांव खेला था। निवेशकों को उम्मीद थी कि इस क्षेत्र में प्रापर्टी खरीदने से उनको मोटा मुनाफा होगा। गत साल सात मई को गौतमबुद्धनगर के भट्टा गांव में किसानों व पुलिस पीएसी में हुए संघर्ष के बाद से ही क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की प्रस्तावित योजनाओं को विराम लग गया था, मगर निवेशकों को प्रापर्टी में किए गए निवेश से काफी उम्मीद बंधी हुई थी। अब विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में हुए बड़े सियासी फेरबदल के बाद से ही निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। उनको आशंका है कि नई सरकार बनने पर क्षेत्र की प्रस्तावित योजनाओं में फेरबदल न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो निवेशकों को भारी नुकसान होना तय माना जा रहा है। आगे क्या होगा ये तो भविष्य के गर्त में ही छिपा हुआ है?
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