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महिला तड़पती रही, चालक पूछता रहा सवाल

बुलंदशहर : सरकारी दावा है कि 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करिए और अगले 20 मिनट में एंबुलेंस आपके पास खड़ी

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 09:34 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 09:34 PM (IST)
महिला तड़पती रही, चालक पूछता रहा सवाल

बुलंदशहर : सरकारी दावा है कि 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करिए और अगले 20 मिनट में एंबुलेंस आपके पास खड़ी होगी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है। ऐसा ही एक मामला बुलंदशहर का है, यहां सड़क दुघर्टना में घायल हुई महिला तड़प रही थी। लोगों ने जब एंबुलेंस सेवा को फोन किया तो चालक उनसे तर्क पर तर्क दिए जा रहा था। आखिर में अंत तक उसने वहां पहुंचना मुनासिब ही नहीं समझा।

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जहांगीराबाद के गांव रोंडा निवासी मायादेवी सोमवार को खेत से घर जा रही थी। सड़क पार करते समय कार ने उसे टक्कर मार दी, जिसमें महिला बुरी तरह से घायल हो गई। उसके सिर में भी चोंटें आई। राहगीरों ने महिला को सड़क किनारे कर एंबुलेंस 108 सेवा को फोन किया तो वह करीब दस मिनट तक लोकेशन और घायल के विवरण की जानकारी करता रहा। उसके बाद दो मिनट काल वे¨टग कर एंबुलेंस ड्राइवर से बात हुई। एंबुलेंस चालक ने भी करीब दस मिनट तक घायल की स्थिति, लोकेशन और अन्य जानकारी ली और बाद में पूछा कि मरीज की हालत अधिक गंभीर है क्या? वहां आना जरूरी है? इस पर काल करने वाले और एंबुलेंस चालक के बीच नोंकझोंक भी हुई और बाद में फोन कट गया। आधा घंटे से अधिक हो गया, लेकिन तमाम जानकारी जुटाने के बावजूद कोई एंबुलेंस चालक मौके पर नहीं पहुंची। वहीं हालत बिगड़ती देख राहगीर एवं परिजन महिला को अस्पताल ले गए, जहां उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

जिले में रामभरोसे है 108 एंबुलेंस सेवा

एंबुलेंस 108 सेवा के की जमीनी हकीकत क्या है इसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। 20 मिनट के बजाय एंबुलेंस सेवा करीब पौने से एक घंटे में घटनास्थल पहुंचती हैं। लखनऊ कंट्रोल रूम से तो जानकारी ली ही जाती है, उससे अधिक जानकारी एंबुलेंस चालक लेते हैं। जिसकी वजह से मदद मांगने वाला व्यक्ति एंबुलेंस 108 सेवा से हाथ जोड़कर निजी एंबुलेंस से इलाज कराने चला जाता है। सूत्रों का कहना है कि जिले में एंबुलेंस 108 सेवा बुरी तरह से चरमराई हुई है, कोई इस तरफ ध्यान देने वाला नहीं है।

इन्होंने कहा..

मामला संज्ञान में नहीं है। एंबुलेंस 108 सेवा से तुरंत ही घायलों को मदद मिलती है। एंबुलेंस पहुंचने का समय भी निर्धारित है, लेकिन यदि लापरवाही बरती गई है तो कार्रवाई की जाएगी।

- डा. दीपक ओहरी, सीएमओ।


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