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जांच 53 हजार मरीजों की, मलेरिया 50 में मिला

बुलंदशहर: जिले में बढ़ते बुखार के बीच स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आंकड़ों में बाजीगरी शुरू कर दी है

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 09:54 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 09:54 PM (IST)

बुलंदशहर: जिले में बढ़ते बुखार के बीच स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आंकड़ों में बाजीगरी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के पिछले सात महीने के आंकड़ों में केवल 50 लोगों को मलेरिया बेहद कम दर्शाया गया है, वहीं जिला अस्पताल के पिछले 15 दिनों की रिपोर्ट में 30 से अधिक को मलेरिया की पुष्टि हो चुकी है। सवाल है कि अकेले जिला अस्पताल के मुकाबले अकेले स्वास्थ्य विभाग के लगभग 50 स्वास्थ्य केंद्रों से अधिक में अफसरों को मलेरिया क्यों नहीं दिख रहा है?

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जिले में इन दिनों बुखार जमकर कहर बरपा रहा है। खेल करने की स्थिति यह है कि मलेरिया को भी विभागीय अफसर वायरल बताकर टरका रहे हैं। पीड़ितों को मजबूरन निजी अस्पताल में जांच कराकर इलाज कराना पड़ रहा है। खुद स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस बात के गवाह हैं, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में सामने आया है कि पिछले साल जनवरी से जुलाई अंत तक 53 हजार 300 रोगियों की स्वास्थ्य जांच की, जिसमें केवल 52 रोगियों को मलेरिया पॉजीटिव होने की बात सामने आई थी। वहीं इस वर्ष के जुलाई से अभी तक आंकड़ों में 53700 स्लाइड्स की जांच की गई, जिसमें केवल 50 रोगियों में मलेरिया की पुष्टि हो पाई।

जिला अस्पताल के आंकड़े उठा रहे पर्दा?

स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों में कितना भी खेल कर लें, लेकिन अफसरों के इस खेल से जिला अस्पताल के आंकड़े ही पर्दा उठा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 50 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की, जिसमें पिछले पौने सात महीने में केवल 50 लोगों को मलेरिया पॉजीटिव मिला हैं। वहीं जिला अस्पताल में पिछले 15 दिनों में 30 रोगियों को मलेरिया की पुष्टि हो चुकी है।

गर्दन बचाने को होता है खेल

डेंगू को डेंगू और मलेरिया को मलेरिया ना मानने के पीछे अफसरों का बड़ा खेल होता है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि डेंगू और मलेरिया की शासन स्तर से सघन मानीट¨रग होती है। अगर बुखार के आंकड़े अधिक दिखा दिए तो शासन से जवाब तलब कर लिया जाएगा। इसलिए मरीज मरें तो मरें, अफसर आंकड़ों में फिट करने के लिए यह खेल करते हैं।

मौजूदा सीएमएस को नहीं माना था डेंगू

वर्तमान में जिला अस्पताल सीएमएस डा. प्रीतम(तत्कालीन ब्लड बैंक प्रभारी) को डेंगू हो गया था। उन्होंने दिल्ली जाकर उपचार भी कराया था। लेकिन हमेशा की तरह आंकड़ों में डेंगू को निल रखने वाले स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने डा. प्रीतम को ही डेंगू नहीं माना था। इसको लेकर अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए थे।

इन्होंने कहा

जिला अस्पताल में पिछले 15 दिनों में करीब 30 मलेरिया के मामले पॉजीटिव आ चुके हैं। पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में मलेरिया और वायरल के रोगी बढ़े हैं।

डा प्रीतम, सीएमएस, जिला अस्पताल

आंकड़े एकदम सही हैं, कहीं कोई दिक्कत नहीं हैं। मलेरिया के कुछ मामले में बढ़े हैं। ज्यादा नहीं है।

डा बीके श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी।


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