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कागजी जल संरक्षण में शोपीस बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट

अनुज सोलंकी, खुर्जा : शहरी क्षेत्र में बरसात के पानी को संरक्षित करने के लिए सरकारी भवनों पर भूजल

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 10:23 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 10:23 PM (IST)
कागजी जल संरक्षण में शोपीस बना रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट

अनुज सोलंकी, खुर्जा :

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शहरी क्षेत्र में बरसात के पानी को संरक्षित करने के लिए सरकारी भवनों पर भूजल संग्रह यंत्र (रेन वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट) लगाए गए। खुर्जा में तहसील परिसर तथा जटिया अस्पताल में यह जल संरक्षण यंत्र लगाए गए थे। शुरूआत में कुछ दिनों तक इनके माध्यम से जल संरक्षण किया गया, लेकिन बाद में इनका हाल भी दूसरी सरकारी योजनाओं जैसा ही हुआ। अनदेखी के कारण ये भूजल संरक्षण यंत्र अपनी बदतर हालत पर आंसू बहा रहे है। भूजल संग्रह योजना महज सरकारी ख्वाबों तक सीमित रह गई है। उधर वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट मिट्टी से अटे होने के कारण अब बेकार होते जा रहे हैं।

खुर्जा का भूगर्भ जलस्तर गिरने पर सरकार द्वारा क्षेत्र को डार्क जोन एरिया घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही यहां पर सरकारी ट्यूबवेल के नए कनेक्शनों पर रोक लगा दी गई।गिरते हुए वाटर लेवल को ऊंचा उठाने के लिए सरदार द्वारा बरसात के पानी को सीधा भूगर्भ में पहुंचाने के लिए रेन वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट लगाने की शुरूआत की गई। जिससे जलस्तर बढ़े और पानी की समस्या से लोगों को राहत मिल सके, लेकिन उसके बाद भी जलस्तर में कोई सुधार नहीं पो रहा रहा है। सरकार द्वारा खुर्जा डार्क जोन के जलस्तर को सुधारने के लिए सन 2006 में करोड़ों रुपए खर्च करके खुर्जा तहसील परिसर में चार और क्षेत्र में कई अन्य भूजल संग्रह (रेन वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट) लगाए गए थे। शुरूआती समय में सरकार द्वारा इन भूजल संग्रह की देखरेख और साफ-सफाई करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया। दो साल तक लगातार इनकी साफ-सफाई कराई गई। उसके बाद सरकारी उदासीनता के कारण ये भूजल संग्रह बदतर हालत में तब्दील हो गए। इनमें मिट्टी भरी होने के कारण बरसात का पानी भूगर्भ तक नहीं पहुंच पा रहा है। हां, आसपास के इलाकों में जलभराव से बीमारियां अवश्य पनप रही हैं। अब यह रेन वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट केवल कागजी संरक्षण यंत्र बनकर रह गये है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी जलस्तर में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है।

ऐसे करता है काम

वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट में जालीनुमा होल होते हैं। इन होल्स के जरिए छत तथा धरती पर जमा होने वाला बरसाती पानी पाइप के जरिए भूगर्भ तक पहुंच जाता है। जिसके चलते भूगर्भ के जलस्तर में लगातार सुधार होता है।

वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट अतिमहत्वाकांक्षी योजना

इस संबंध में एसडीएम इंदु प्रकाश ¨सह ने कहा कि वाटर हार्वे¨स्टग प्लांट सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। जल संरक्षण के लिए सरकारी भवनों में लगवाए गए वाटर हार्वेस्टिंग प्लांटों की मरम्मत कराई जाएगी, ताकि जल संरक्षण के लिए आम लोगों को प्रेरित किया जा सके।


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