सांप्रदायिक असहिष्णुता की सियासत को स्याना ने दिखाया आईना
राकेश अग्रवाल, स्याना (बुलंदशहर): एक तरफ जहां पूरे देश में सांप्रदायिक असहिष्णुता को लेकर बहस चल र
राकेश अग्रवाल, स्याना (बुलंदशहर):
एक तरफ जहां पूरे देश में सांप्रदायिक असहिष्णुता को लेकर बहस चल रही है। सांप्रदायिक असहिष्णुता के नाम पर लेखक, कलाकार, वैज्ञानिकों के सम्मान लौटने और हाल में फिल्म अभिनेता आमिर खान के बयान के बाद इस पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। जहां इस मुद्दे पर सियासत की रोटी सेंकी जा रही है, वहीं फलपट्टी के रूप में मशहूर स्याना में सांप्रदायिक सहिष्णुता और एकता की मिसाल गढ़ी जा रही है।
स्याना नगर में पिछले 38 साल से सामाजिक संस्था सुलह कुल के बैनर तले मुस्लिम समाज द्वारा प्रति वर्ष दीपावली मेले का आयोजन नगर की परंपरा व पहचान बन चुका है। इसके साथ ही पिछले 14 साल से पूर्व वाइस चेयरमैन वली मोहम्मद कुरैशी क 'अपना बाजार' परिसर में प्रति वर्ष कार्तिक स्नान के दौरान भंडारे का आयोजन भी सांप्रदायिक ताकतों के मुंह पर एक तमाचे से कम नहीं है। भंडारे में मुस्लिम समाज ¨हदू स्नानार्थियों को हलवा पूरी परोसते देख कोई भी दावे से कह सकता है कि कम से कम इस नगर का सौहार्द बिगाड़ पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। सांप्रदायिक सौहार्द का यह नजारा असहिष्णुता के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वालों को आईना दिखा गई। इस आयोजन में श्रीराम लीला कमेटी के लोग भी सहयोग करते हैं।
भंडारे में वली मोहम्मद कुरैशी के साथ उनके बेटे दिलशाद कुरैशी, पप्पल कुरैशी व सुलेमान पहलवान, महफूज कुरैशी, इस्तकार कुरैशी, सगीर कुरैशी व महफूज आदि के साथ श्रीराम लीला कमेटी अध्यक्ष संजय कश्यप, प्रवेश अग्रवाल, संजू पंडित, राकेश रस्तोगी, सुरेंद्र कश्यप, गणेशी अग्रवाल, खेमचंद शर्मा आदि सक्रिय नजर आए।
वली मोहम्म्द कुरैशी कहते हैं कि दिलों की दूरियों सियासत के चलते बढ़ती है, वरना ¨हदू मुस्लिम तो सदियों से एक साथ रहते आए हैं। ¨हदू हमारी तहजीब की इज्जत करते हैं, मुस्लिम ¨हदू की आस्था को सम्मान देते हैं। एक-दूसरे से सुख-दुख में काम आते हैं। अगर कहीं बात बिगड़ती भी है तो दोनों पक्ष के बड़े-बुजुर्ग कड़वाहट खत्म कर देते हैं। हमलोग बड़े प्यार से रह रहे हैं, पता नहीं इस देश में लोगों को कहां असहिष्णुता दिखती है? श्रीराम लीला कमेटी के अध्यक्ष संजय कश्यप कहते हैं कि वोट बैंक की राजनीति समाज को बांट रही है। हम लोग इसको समझ चुके हैं।