आखिर कैसे हो नगर की साफ सफाई
गुलावठी, बुलंदशहर : वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आधार पर गुलावठी क्षेत्र की आबादी पचास हजार से अधिक आ
गुलावठी, बुलंदशहर : वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आधार पर गुलावठी क्षेत्र की आबादी पचास हजार से अधिक आंकी गई है लेकिन शासन की अनदेखी के चलते नगर की सफाई व्यवस्था में मात्र 94 सफाईकर्मी लगे हुए हैं। नगर की बढ़ती आबादी के हिसाब से अभी नगर में करीब 30 सफाईकर्मियों की बेहद आवश्यकता है। सफाईकर्मियों की कमी के चलते नगर के कई इलाकों में गंदगी व कूड़े के अंबार लगे रहते है और वहां के बाश्िादों को स्वयं साफ सफाई करनी पड़ रही है।
नगर की आबादी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और सफाईकर्मियों के अभाव में सफाई व्यवस्था लड़खड़ाती जा रही है। नगर के कई इलाके तो ऐसे है जहां कई-कई दिन में सफाईकर्मी पहुंच सफाई करते है वरना तो वहां के बा¨शदों को ही स्वयं नालियों आदि में साफ-सफाई करनी पड़ रही है। पालिका सूत्रों के अनुसार, सन 1970 में 72 सफाई कर्मचारी स्थायी रुप से थे जिनमें से अब तक कुछ सेवानिवृत्त तथा मृतक भी हो चुके हैं। सन 2006 में संविदा पर 61 सफाई कर्मियों की भर्ती की गई जिनमें 9 की मृत्यु हो गई और कुछ कर्मचारी छोड़कर चले गए। अब 52 कर्मचारी संविदा पर है तथा 42 स्थायी रुप से है, इनमें छह ड्राइवर व तीन सफाई नायक भी शामिल है। सफाई प्रभारी संजय बाबू का कहना है कि दस हजार की आबादी पर 28 सफाईकर्मियों की नियुक्ति का मानक है लेकिन 11 वर्षों से कोई सफाईकर्मी भर्ती नही किए गए जिसके चलते नगर के बाहरी इलाकों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल इस समय 94 सफाईकर्मी नगर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने में लगे हुए है और लगभग 30 सफाईकर्मियों की अभी बेहद आवश्यकता है। वैसे तो उन्होंने स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत रोस्टर तैयार कराकर विशेष सफाई अभियान छिड़वा रखा है लेकिन सफाई व्यवस्था सुचारू न होने पर पालिका प्रशासन को सफाईकर्मियों की कमी का रोना रोना पड़ रहा है। पालिका ईओ व चेयरपर्सन भी गुलावठी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के अनेकों बार सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए शासन से मांग कर चुके है लेकिन शासन इस ओर गंभीर नही दिख रहा है।