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बुलंदशहर में सूबे की पहली 'पंचवटी'

बुलंदशहर : यह जनपद के लिए सौभाग्य का विषय है कि सूबे में पहली पंचवटी यहां पर विकसित होगी। पर्यावरण क

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 10:16 PM (IST)

बुलंदशहर : यह जनपद के लिए सौभाग्य का विषय है कि सूबे में पहली पंचवटी यहां पर विकसित होगी। पर्यावरण को हरियाली और यज्ञ से शुद्ध करने की इस अनोखी मुहिम का सोमवार को प्रभारी मंत्री रामसकल गुर्जर ने शुभारंभ किया।

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सोमवार को नुमाइश मैदान में पंचवटी वृक्ष संरचना का विधिवत उद्घाटन जनपद के प्रभारी मंत्री और प्राविधिक शिक्षा राज्य मंत्री राम सकल गुर्जर ने किया। नुमाइश मैदान में पंचवटी वृक्ष संरचना का खाका खींचा गया। प्रभारी मंत्री और डीएम ने नुमाइश मैदान में पांच प्रकार के पौधों का रोपण किया। इसके अलावा अन्य अधिकारियों ने भी पौधे लगाए। वृद्ध पंचवटी में पीपल, वृत्त आंवला, वृत्त अशोक, बरगद, बेल सहित 39 पौधे लगाए गए हैं। इस अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी सीआर पटेल, नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर, सपा जिलाध्यक्ष दिनेश गुर्जर, डीएफओ अनुज कुमार सक्सेना, वन क्षेत्राधिकारी विपिन कुमार, एडीओ उपवन अधिकारी सीपीएस मलिक, पर्यावरणविद् विजय पाल आदि मौजूद रहे।

क्या है पंचवटी

पंचवटी का वर्णन रामायण में मिलता है। रावण जब माता सीता को हरण कर ले जाता है तो हरे भरे बाग पंचवटी में उन्हें रखता है। पंचवटी या पंचवटी वृक्ष संरचना का हालांकि इससे कोई लेना-देना नहीं है। नाम के अनुरूप पंचवटी एक ऐसा स्थल होगा, जिस पर पांच अलग-अलग प्रजाति के पौधे पांच वृत्ताकार घेरे में लगाए जाएंगे। पौधों की प्रजाति ऐसी होगी जो वायुमंडल को शुद्ध करते हैं। प्रदूषण रहित बनाते हैं। पंचवटी के लिए नुमाइश मैदान में करीब 2500 वर्गमीटर स्थल निर्धारित किया गया है। इसमें बाहरी वृत पीपल का होगा। दूसरा आंवला, तीसरा, अशोक, चौथा बरगद और पांचवा बेल का होगा। इसमें कुल 39 वृक्ष लगाए जाएंगे। बीच में यज्ञ स्थल होगा। यहां लोग निर्धारित फीस अदा कर यज्ञ कर सकेंगे। सोमवार को पौधरोपण किया गया और निर्धारित यज्ञ स्थल पर यज्ञ संपन्न किया गया।

इन्होंने कहा

पंचवटी पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने और हरियाली बढ़ाने को लेकर एक प्रयास है। नुमाइश ग्राउंड में पांच घेरों में पांच अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। बीच में यज्ञ स्थल होगा। अभी तो पंचवटी को आकार लेने में पांच-छह वर्ष लगेंगे। इसका मेंटीनेंस वन विभाग करेगा। जब पौधे बड़े एवं छायेदार हो जाएंगे, तब इसमें लोग निर्धारित शुल्क अदा कर प्रशासन से अनुमति लेकर यज्ञ कर सकेंगे। यहां घूमने-टहलने की कोई फीस नहीं होगी।

-बी. चंद्रकला, डीएम


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