गरीबी और रोजगार को नहीं है बजट में योजना
खुर्जा, बुलंदशहर: मोदी सरकार के आम बजट आने के बाद लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ ने
खुर्जा, बुलंदशहर: मोदी सरकार के आम बजट आने के बाद लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ ने बजट को अच्छा बताया है तो कुछ ने इसे बुरा करार दिया। 'दैनिक जागरण' ने हर पेशे से जुड़े लोगों से बजट पर बातचीत की-
चिकित्सक दिनेश शर्मा कहते है कि एंबुलेंस और एंबुलेंस सेवाओं को सस्ता करने से मरीजों को राहत मिली है, लेकिन वहीं दूसरी ओर बजट में अस्पताल में इलाज को महंगा करने से गरीबों को बेहतर उपचार नहीं मिल सकेगा।
अर्थशास्त्री डा.ओपी सिंह ने बताया कि केवल बजट में कुछ वर्ग के लोगों को राहत दी है। इसमें कुछ ऐसा कुछ नया नहीं है, जिससे गरीबी दूर हो और बेरोजगारी खत्म हो। चिड़ियाघर या स्थानों की यात्रा गरीब लोगों के लिए कोई खास महत्व नहीं रखती। हां, गरीबों को बीमा पॉलिसी और पेंशन ने राहत जरूर दी है।
गृहणी ममता चौहान कहती हैं कि सर्विस टैक्स बढ़ने के कारण उनकी रसोई का बजट डगमगा जाएगा। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार, पढ़ाई आदि पर बजट में कोई ध्यान नहीं दिया है। तंबाकू उत्पाद और शराब महंगे होने की बेहतर पहल है।
किसान जुगेंद्र सिंह कहते हैं कि यूपीए सरकार में किसानों के लिए कोई खास योजनाएं नहीं चलाई गई थी। मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर दी। किसानों को लगा था कि अब अच्छे दिन आएंगे, लेकिन उन घोषणाओं में से धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। अब इस बजट में भी किसानों को कोई बड़ी राहत नहीं है।
युवा प्रमोद कुमार कहते हैं कि बजट में युवाओं के रोजगार पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है।
व्यापारी राहुल कुमार ने बताया कि सर्विस टैक्स को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर देने से अधिकतर सामान महंगा होगा। बजट से व्यापारी को खास राहत नहीं मिली है। गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाकर मोदी सरकार ने एक अच्छी पहल शुरू की है।