हरियाली पर चली माफिया की 'कुल्हाड़ी'
पहासू, बुलंदशहर: एक ओर जहां पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा पौधारोपण किया जाता है। वही
पहासू, बुलंदशहर: एक ओर जहां पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा पौधारोपण किया जाता है। वहीं दूसरी ओर माफियाओं द्वारा जमकर हरियाली पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। पहासू क्षेत्र के गांव त्यौर में परमिट का चिट्ठा लेकर माफिया धड़ल्ले से हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला रहे है और विभागीय अधिकारी मौन बनकर बैठे हुए हैं।
समय-समय पर सरकार और वन विभाग द्वारा पौधारोपण को पर्यावरण के हित में बताया जाता है। साथ ही स्कूल बच्चे से लेकर विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पौधारोपण किया भी जाता है। जिससे आने वाले समय में वातावरण ठीक-ठाक रहे। लेकिन वही दूसरी ओर इस बात से अंजान पेड़ माफिया और अधिकारी मौन बनकर रह गए हैं। पहासू क्षेत्र के गांव त्यौर में आठ बीघा भूमि पर आम का बाग लगा हुआ था। लेकिन अब बाग माफियाओं केगिरफ्त में है। माफियाओं द्वारा हरियाली पर जमकर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। अब तक दर्जनों हरे पेड़ों को काट दिया गया है। वहीं विभाग भी 40 पेड़ों के परमिट का बहाना बनाकर मामले से पल्लाझाड़ रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में सवाल उठने लगा है कि आखिर हरियाली युक्त पेड़ों को काटने का परमिट कैसे दे दिया जाता है।
आखिर हरे पेड़ काटने की कैसे अनुमति
वन विभाग ने आखिरकार बाग के हरे-भरे पेड़ों को काटने की अनुमति कैसे दे दी। इससे विभाग की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा रहा है, जबकि मौके पर सारे पेड़ हरे हैं और फिर भी कटान की अनुमति कैसे दे दी गई।
इनकी सुनिए..
ठेकेदार पर 40 पेड़ काटने का परमिट है। अगर उसके द्वारा 40 से अधिक पेड़ काटे जाते है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
योगेश श्रीवास्तव, अरनिया क्षेत्र रेंजर।