'ड्रेगन' पर भारी मोदी का रंग
प्रियंका सिंह, बुलंदशहर: इसे मोदी इफेक्ट कहें या फिर कुछ और.. दीपावली के दौरान जो बाजार चाइनीज उत
प्रियंका सिंह, बुलंदशहर:
इसे मोदी इफेक्ट कहें या फिर कुछ और.. दीपावली के दौरान जो बाजार चाइनीज उत्पादों से भरे रहते थे इस बार उन्हें भारतीय उत्पादों से कड़ी टक्कर मिल रही है। एक ओर जहां रंगोली और वंदनवार के मामले में गुजरात की कारीगरी के आगे ड्रेगन पानी मांग रही है, वहीं आगरा की मूर्तियां चाइनीज लक्ष्मी गणेश को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बावजूद इसके अभी भी दीपावली पर ड्रेगन मजबूत पकड़ बनाए हुए है।
दीपावली आने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इस पर्व को मनाने के लिए लोगों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। हर बार दीपावली पर भगवान श्रीराम का स्वागत करने के लिए लोग घरों को कुछ अलग ही लुक देने की कोशिश करते हैं। पिछले एक दशक से चाइनीज उत्पादों से भारतीय उत्पाद भरे पड़े हैं। मगर, इस बार माहौल कुछ अलहदा नजर आ रहा है। बात रंगोली और वंदनवार से शुरू करते हैं। बाजार में चाइनीज रंगोली और वंदनवार पहले जैसे ही हैं, मगर गुजराती स्टाइल चाइना पर भारी है। विशेषकर रंगोली में मामले में गुजराती स्टाइल भी बिक रहा है, जिसकी जिसकी कीमत दो सौ रूपए से शुरू होकर तीन हजार तक है। कुछ कुछ ऐसा ही हाल वंदनवारों के बाजार में भी है। वहीं दूसरी ओर आगरा के लक्ष्मी गणेश इस बार चाइनीज लक्ष्मी गणेश को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बावजूद इसके लाइटिंग वाले दीपक, पेस्टिंग रंगोली, फ्लूटिंग केंडल आदि सजावटी मामलों में चीन का दबदबा कायम है।
पूजा श्रंगार की दुकान मालिक विशाल गर्ग का कहना है कि इस बार जो भी दीपावली के लिए सामान आया है उसको देखकर लग रहा है कि सबकी दीपावली अच्छी मनेगी। मां लक्ष्मी से लेकर भगवान श्रीराम का स्वागत लोग मंहगाई की चिंता करे बिना ही मनाएंगे। देशी स्टाइल बड़े दिनों बाद बाजार में हावी होने की कोशिश कर रहा है।
वंदनवार दुकान मालिक सोनू उर्फ कन्नूमल का मानना है कि दीपावली के मौके पर इस बार बाजारों में आकर्षण केंद्र गुजराती रंगोली और वंदनवार है। वहीं दबके की वंदनवार भी इस बार त्यौहार पर अपनी अलग पहचान बनाएगी।
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प्रियंका सिंह