Move to Jagran APP

डकैती ने खोलकर रख दी पुलिस की कलई

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 11:16 PM (IST)
डकैती ने खोलकर रख दी पुलिस की कलई

बुलंदशहर : तीन करोड़ की डकैती का खुलासा कर भले ही बुलंदशहर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है, मगर पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में आइजी ने खुले तौर पर विभाग की नाकामी पर चर्चा की।

loksabha election banner

आइजी ने बेबाक कहा कि अगर सीसीटीवी फुटेज न होता तो सफलता मिलनी मुश्किल हो जाती। दूसरे आइजी मेरठ आलोक कुमार ने पत्रकार वार्ता की शुरुआत में ही कहा कि पुलिस कस्टडी में बदमाश का डकैती में शामिल होना उनके जीवन का पहला अनुभव है। इस घटना ने इस बात पर विचार करने को मजबूर कर दिया है कि पेशी पर जाने वाले अभियुक्तों के लिए नियम कानूनों की समीक्षा की जाए। यह पहला उदाहरण नहीं है, बल्कि पहली चेतावनी है। उन्होंने आशंका जताई कि अभिरक्षा में तैनात पुलिस वालों के साथ मिलकर पहले भी कई बार कई स्थानों पर ऐसा हुआ भी होगा। इस खुलासे ने पेशी पर जाने वाले अभियुक्तों के कानून में बदलाव के लिए विचार करने को मजबूर किया है। प्राइवेट स्थानों पर अभियुक्तों के ठहरने को पूरी तरह से गैर कानूनी बनाना होगा। यही नहीं ऐसा तंत्र विकसित करना होगा, ताकि पेशी पर जा रहे बंदी के आवागमन का लिखित रिकार्ड तैयार किया जा सके।

डकैती में रुद्रपुर पुलिस के सिपाही के शामिल होने पर भी आइजी चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि रक्षक ही अगर भक्षक बन जाएंगे तो सिस्टम के चरमराने की नौबत आ जाएगी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उत्तराखंड पुलिस ने हमें सहयोग नहीं दिया, मगर जब हमने वहां की पुलिस को साक्ष्य दिखाए तो उन्होंने भी माना कि उनके सिपाही गलत हैं। आइजी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में सतीश हेलमेट पहने हुए है। उसका आंशिक चेहरा ही दिखाई पड़ा इसलिए पुलिस ने उसकी पहचान के लिए फोरेंसिक और वैज्ञानिक तरीके अपनाए।

दी व्यापारियों को नसीहत

बुलंदशहर: पत्रकार वार्ता में आईजी ने बड़े व्यापारियों को पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के तौर तरीकों को लेकर नसीहतें भी दी। आइजी ने कहा कि बड़े व्यापारी अपने प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरे जरूर लगवाएं। कैमरे की फुटेज सुरक्षित रखने के लिए कंप्यूटर की डीवीआर को गुप्त स्थान पर रखें, क्योंकि अब बदमाश सीसीटीवी कैमरों की जद से बचने के लिए डीवीआर भी लूट कर ले जा रहे हैं। आईजी ने सलाह दी कि बड़े प्रतिष्ठान अपने यहां हूटर लगवाएं और शोरुम को ऐसी शक्ल दें ताकि बाहर से अंदर और अंदर से बाहर स्पष्ट दिखाई दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.