ईद पर दूर ही रहे कई राजनीतिक 'डेरे'
बुलंदशहर: इस बार ईदगाह पर समाजवादी पार्टी एवं आम आदमी पार्टी को छोड़कर किसी भी राजनीतिक पार्टी ने बधाई देने के लिए कैंप नहीं लगाया। जबकि ईदगाह पर हर वर्ष सभी पार्टियों के कार्यकर्ता कैंप लगाते थे। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी पदाधिकारियों ने इस बार कैंप नहीं लगाए।
मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता कैंप लगाकर एक-एक आदमी को गले मिलकर बधाई देते थे, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी एवं आम आदमी पार्टी को छोड़ दिया जाए तो किसी भी प्रमुख पार्टी के पदाधिकारियों ने कैंप नहीं लगाया। कुछ लोगों का कहना है कि पार्टी के पदाधिकारी लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अपनी झेंप मिटाने की खातिर कैंप के आयोजन से दूर ही रखा। कांग्रेस, बसपा एवं रालोद हर वर्ष ईद पर कैंप लगाते थे, लेकिन उन्होंने भी इस बार कैंप नहीं लगाया।
-इन्होंने कहा
'जिस टैंट वालों को कैंप बनाने के लिए कहा था, उसके यहां सोमवार रात में कोई दुर्घटना घट गई। इस कारण हमारा कैंप नहीं लग पाया, लेकिन मैं अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ईदगाह पर गया था। कुछ देर रूककर वहां से वापस आ गया।'
सुभाष गांधी, जिलाध्यक्ष कांग्रेस।
'टैंट वाले ने गड़बड़ी की है। उससे कहा गया था कि सोमवार की शाम को टैंट लगा देना, लेकिन उसने सुबह तक नहीं लगाया। घर जाकर ढूंढा, वहां से वह कहीं घूमने गया था, इसीलिए हमारा कैंप नहीं लग पाया। घर-घर जाकर हमने लोगों को बधाईयां दी हैं।'
रोशन लाल राहुल, जिलाध्यक्ष बसपा।