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एक कमरे में छह आंगनबाड़ी केन्द्र

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 12:06 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 12:06 AM (IST)

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने प्राथमिक विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय एवं कुछ आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें एक कमरे में छह आंगनबाड़ी केन्द्र चलते मिले, जबकि प्राथमिक विद्यालय बुकलाना में 75 बच्चों को एक शिक्षामित्र पढ़ता मिला। आंगनबाड़ी केन्द्रों की बदहाल स्थिति को देखकर सदस्य ने सुधार करने की चेतावनी दी है। साथ ही बीएसए को सभी स्कूलों में शिक्षक भेजने के निर्देश दिए हैं। शाम में उन्होंने पत्रकार वार्ता की।

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बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रवीन्द्र कुमार चौहान ने जनपद का भ्रमण किया और शिक्षा की मुख्य धारा की असलियत जानी। सबसे पहले वह प्राथमिक विद्यालय बुकलाना में पहुंचे। यहां पर 92 बच्चे पंजीकृत थे, जिसमें से 75 बच्चे उपस्थित मिले। यहां एक भी शिक्षक की तैनाती नहीं मिले। सभी बच्चों को एक शिक्षामित्र पढ़ा रहा था। बच्चों ने सभी सवालों का जबाव दिया। इसके बाद बुकलाना में ही एक आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया। वहां एक ही कमरे में छह आंगनबाड़ी केन्द्र चलते मिले। बच्चों की संख्या नाम मात्र मिली। प्राथमिक विद्यालय निजामपुर बांगर में 57 बच्चे पंजीकृत थे, केवल 27 उपस्थित मिले। ग्राम प्रधान को बुलाकर छात्रसंख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति सुधारने के आदेश दिए जबकि बीएसए को एकल विद्यालयों में शिक्षक भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि 40 हजार शिक्षकों की भर्ती हो रही है। इनमें से शिक्षकों को बंद और एकल विद्यालयों में भेजा जाएगा।

इसके बाद शाम को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आयोग के सदस्य रवीन्द्र कुमार चौहान ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि लावारिश बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मेडीकल की व्यवस्था दी जाएगी। 10 से 14 वर्ष की लावारिश बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी बीएसए की होगी। जबकि ऐसे लड़कों को आश्रम पद्धति के विद्यालयों में एडमिशन दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में एमडीएम की स्थिति ठीक मिली। उन्होंने कहा कि थाना स्तर पर लोगों की समस्याएं नहीं सुनी जाती हैं। समस्या निस्तारण के लिए सीयूजी नंबर जारी कराने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए हैं।


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