जटौला में छिड़ी 'तेंदुआ' पर तकरार
खुर्जा, (बुलंदशहर) : पहासू वन क्षेत्र के गांव जटौला में ग्रामीणों की आंखों देखी तथा वन विभाग के वैज्ञानिक दावों के बीच जंग छिड़ गई है। गांव में तीन युवकों तथा एक पशु पर हुए हमले के बाद ग्रामीण इस हमलावर जानवर को तेंदुआ करार देने में जुटे हैं। वहीं ग्रामीणों का दावा है कि शुक्रवार रात उन्हें खेतों में फिर से तेंदुआ घूमते हुए नजर आया। फिलहाल वन विभाग क्षेत्र में किसी जंगली जानवर होने का दावा कर रहा है। वहीं ग्रामीणों का तर्क है कि अगर जंगली जानवर है तो यह टीम की पकड़ में क्यों नहीं आ रहा। इसी तकरार के बीच गांव के लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं।
पहासू क्षेत्र के गांव जटौला में पिछले कई दिनों से ग्रामीण तेंदुए के खौफ के साये में जी रहे है। गांव में सबसे पहले गत मंगलवार रात को गांव निवासी शेरपाल सिंह के घेर में बंधे पशु पर जंगली जानवर ने हमला कर उसे मार दिया था। उसके बाद गांव निवासी वीरपाल सिंह, हेमंत प्रताप तथा रानी पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था। इसके बाद से ही तेंदुए के खौफ से ग्रामीणों के होश उड़े हुए है। अब शुक्रवार को रात को गांव निवासी गजेंद्र और राजू ने दावा किया कि उन्होंने खेतों पर तेंदुए को घूमते हुए देखा। तेंदुए को देखने के बाद उन्होंने ग्रामीणों को मामले की जानकारी दी।
इससे शनिवार सुबह को ग्रामीण खेतों पर कटाई करने के लिए नहीं गए। ग्रामीण दहशत के चलते गांव में एकत्र होकर रह रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग लगातार उन्हें झूठा बता रहा है। कई ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा है, फिर भी विभाग जंगली जानवर होने की पुष्टि कर रहा है।
पहले भी मच चुका शोर
वन विभाग के वैज्ञानिक दावे भी कोरे नहीं हैं। इससे पूर्व जेवर के गांव डुडेरा व जेवर खादर में भी तेंदुए का शोर मचा था, बाद में पकड़े जाने पर खुलासा हुआ कि यह तेंदुआ नहीं जंगली बिल्ली है। अरनिया के गांव मुनी में भी ऐसा ही शोर मचा था, लेकिन वहां भी यह अफवाह ही निकली थी।
इन्होंने कहा..
'वन क्षेत्राधिकारी विपिन बिहारी तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में कोई जंगली जानवर घुस आया है। ऐसा लग रहा है कि उसकी आकृति तेंदुए सरीखी है। इसी के चलते ग्रामीण इसे तेंदुआ समझकर खौफजदा हो रहे हैं। वन विभाग की टीम तलाश में लगी हुई है। जल्द ही इस खतरनाक जानवर को पकड़ लिया जाएगा।