जल पुलिस व ग्रामीणों के सर्च अभियान में कांवड़िये का नहीं लगा सुराग
नजीबाबाद (बिजनौर) : पूर्वी गंग नहर में डूबे शिवभक्त का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चला। हालांकि सैकड़
नजीबाबाद (बिजनौर) : पूर्वी गंग नहर में डूबे शिवभक्त का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चला। हालांकि सैकड़ों ग्रामीण बुधवार को पौ फटते ही नहर में रस्से और लकड़ियों के बेड़े के सहारे उतर गए, लेकिन बुधवार शाम तक डूबे शिवभक्त का पता नहीं चल सका है।
पूर्वी गंग नहर में मंगलवार को सुबह करीब आठ बजे सीतावली के निकट बरेली से हरिद्वार जा रहे ग्राम कलारा के 38 शिवभक्तों का ट्रैक्टर-ट्राला समा गया था। ग्राम गुलालवाली, श्यामीवाला और सीतावली के सैकड़ों ग्रामीणों ने शिवभक्तों को बाहर निकाल लिया था, जबकि तीन कांवड़ियों की मौत हो गई थी। वहीं एक कांवड़िया महेद्र पाल लापता हो गया था। जिसकी तलाश के लिए उत्तराखंड जलपुलिस के जवानों को लगाया गया। पीड़ित शिवभक्तों और आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार की रात्रि करीब आठ बजे लापता शिवभक्त महेंद्रपाल ¨सह की नहर में तलाश का काम बंद कर दिया गया था, लेकिन ग्राम सीतावली और गुलालवाली के ग्रामीण शिवभक्तों को साथ लेकर बुधवार को दूसरे दिन पौ फटते ही लापता महेंद्रपाल की तलाश में जुट गए, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। हालांकि इन लोगों ने नहर में डूबा खाद्यान्न एवं अन्य सामान बाहर निकाल लिया।
-साथी की झलक पाने को तरसी आंखे
पूर्वी गंग नहर में डूबे शिवभक्त महेंद्र पाल को तलाश करने में साथी शिवभक्त और ग्रामीण कोई कसर नहीं छोड़ रहे, लेकिन बुधवार की शाम पांच बजे तक उसका कोई पता नहीं चल पाया। भूखे प्यासे शिवभक्तों की आंखे टकटकी लगाए अपने लापता साथी की एक झलक पाने को तरस रही है।