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संस्कारशाला परीक्षा में परखे गए छात्रों के संस्कार

बिजनौर : दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को जिले के अनेक विद्यालयों में संस्कारशाला परीक्षा आयोजित कराई

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 10:00 PM (IST)

बिजनौर : दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को जिले के अनेक विद्यालयों में संस्कारशाला परीक्षा आयोजित कराई गई। इसमें कक्षा तीन से कक्षा 12 तक के हजारों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जबकि उनके अभिभावकों ने घर में बैठकर इस परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा में छात्रों ने देशसेवा क्या होती है, हमें देश से क्यों प्यार होता है, बिना सोचे खरीदने से क्या हो सकता है, हमें पैसे खर्च करते समय अपने घर वालों की बात क्यों सुननी चाहिए? आदि प्रश्नों के उत्तर बड़ी ढंग से दिये। परीक्षा देकर बाहर निकले छात्रों ने बताया कि वे अखबार के माध्यम से प्रकाशित होने वाले संस्कारशाला के लेख नियमित रूप से पढ़ते हैं और उनका अपने जीवन में अनुसरण करते हैं।

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बुधवार दोपहर 12.30 बजे जिला मुख्यालय पर एएन इंटरनेशनल स्कूल में प्रधानाचार्य डा. सरजीत ¨सह के निर्देशन में संस्कारशाला परीक्षा का शुभारंभ किया गया। करीब एक घंटे तक चली परीक्षा में छात्र-छात्राओं ने भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं समृद्ध अतीत के बारे में जाना। कोआर्डिनेटर राहुल डबास ने कहा कि शैक्षिक उन्नयन के अतिरिक्त सह शैक्षिक गतिविधियों के आयोजन में दैनिक जागरण सदैव अग्रणी रहा है। आज का समय सामाजिक दृष्टि से सांस्कृतिक प्रदूषण का है। आज ग्लोबल प्रभाव के कारण सांस्कृतिक एवं वर्गीय टकराव जैसी सामाजिक समस्याओं के साथ आज का युवा वर्ग स्वयं को दिग्भ्रमित पाता है। परीक्षा के आयोजन में मेहराज अहमद, श्रवण कुमार, मोहित तिवारी, गो¨वद शर्मा, अमित शर्मा, रजनीश, लियाकत मिर्जा, धर्मेन्द्र कुमार, प्रभा चौहान, सीमा मलिक, सुमन त्यागी, ईरम, अर्जुन कुमार आदि का सराहनीय योगदान रहा।

441 छात्र-छात्राएं संस्कारशाला परीक्षा में हुए शामिल

किरतपुर : दैनिक जागरण की ओर से सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई संस्कारशाला परीक्षा में कक्षा छह से दस तक के 441 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। अनुष्का प्रजापति, तनिष्का, शगुन, अमीषा, महिमा, शैली एवं अंकुर आदि छात्रों ने बताया कि इस परीक्षा से उनके ज्ञान में वृद्धि होती है। वहीं प्रधानाचार्य संजीव कुमार राजपूत ने कहा कि इस प्रकार की परीक्षाओं से जहां विद्यार्थियों में भारतीय संस्कार का ज्ञान बढ़ता है, वहीं उनमें अपने बुजुर्गों का सम्मान करने की प्रेरणा मिलती है। परीक्षा संपन्न कराने में विद्यालय के शिक्षक सुरेश कालरा, नाहर ¨सह, संजीव कुमार, विनोद कुमार, महेश कुमार, राकेश कुमार, वीरेंद्र कुमार तथा महावीर दत्त आदि ने सहयोग किया।


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